देहरादून। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत गलत इलाज करने के आरोप में रामनगर के बृजेश अस्पताल को एक और कारण नोटिस जारी किया गया है। अस्पताल पर आरोप है कि यहां एक मरीज को बिना उचित जांच के ही आईसीयू में रखा गया, जिससे इलाज में देरी हुई और उसकी मौत हो गई। क्रियान्वयन समिति ने अस्पताल प्रबंधन से इस नोटिस का 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
इससे पहले आयुष्मान कार्ड धारकों से पैसे वसूलने के आरोप में एक जून को बृजेश अस्पताल को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद अस्पताल के खिलाफ अन्य शिकायतों पर भी उत्तराखंड स्वास्थ्य अभिकरण ने जांच की तो नए तथ्य सामने आए। पता चला कि बृजेश अस्पताल में गत आठ फरवरी को एक मरीज गंभीर हालत में भर्ती किया गया था। अस्पताल के एमडी डॉ. बृजेश अग्रवाल ने उसकी दो जांचे सिटी थोरेक्स और सीबीसी कराने को कहा। इस पर मरीज की हालत बिगड़ी तो सिटी थारेक्स नहीं कराया गया, केवल सीबीसी जांच ही कराई गई। इस जांच रिपोर्ट पर खुद डॉ. बृजेश ने ही हस्ताक्षर किए।
अटल आयुष्मान योजना के निदेशक (प्रशासन) डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. बृजेश पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं, ऐसे में ये हस्ताक्षर ही संदेह के घेरे में हैं। यानी जांच कराई भी है या नहीं इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद गंभीर मरीज की भर्ती के दौरान उचित जांच भी नहीं कराई गई। इससे उसकी हालत बिगड़ती चली गई और रात में साढ़े दस बजे मरीज की मौत हो गई। इस तरह से इस मामले में बृजेश अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। यदि समय पर मरीज को इलाज मिलता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। इस प्रकरण में अब फिर से बृजेश अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
पेनक्रियाटिक्स दर्शाकर ले लिया क्लेम, रिपोर्ट आई सामान्य
बृजेश अस्पताल के कारनामे यहीं तक नहीं है। पांच और मरीजों के मामले में इस अस्पताल ने लगभग 65 हजार रुपये का क्लेम योजना के तहत पा लिया। जालसाजी की हद तक जाते हुए अस्पताल ने इन मामलों में काम किया। दरअसल, पांच मरीजों का पेनक्रियाटिक्स बीमारी के तहत दर्शाकर यह क्लेम लिया गया, जबकि रक्त जांच के नमूनों की रिपोर्ट सामान्य थी। इस तरह अस्पताल ने पहले भी कई मरीजों का गलत इलाज दर्शाकर योजना के तहत क्लेम की रकम हड़पी है। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल के अगले सभी क्लेम तत्काल प्रभाव से रोक दिए गए हैं।