देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री व पहले विधानसभा स्पीकर प्रकाश पंत का बुधवार दोपहर बाद कैंसर की बिमारी के चलते निधन हो गया। पंत पिछले कुछ समय से कैंसर जैसी घातक बिमारी से जूझ रहे थे। हाल ही में उन्हें ईलाज के लिए विदेश भेजा गया था।
मगर उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका। उनकी छवि उत्तराखण्ड की राजनीति में ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नेता के रूप में थी। उनके भाषणों और कविताओं से जनता और कार्यकर्ता मंत्रमुग्ध हो उठते थे। यह वहीं नेता था जो उत्तराखण्ड अलग राज्य गठित होने पर पहले विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त हुए। साल 2000 से 2002 तक उन्होंने स्वामी नित्यानंद सरकार में विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेंदारी संभाली। उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी और राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने भी दुख जाहिर किया है।
उत्तराखण्ड गठन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। हाल ही में उनकी बेटी सेना में अफसर बनी थी। जिसको लेकर उन्हें काफी गर्व महसूस हुआ। मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था। राजनीति का वो मंझा खिलाड़ी ज्यादा समय तक जनसेवा के लिए जीवित नहीं रह सका। खबर लिखे जाने तक सरकार की ओर से उनके निधन को लेकर सोशल मीडिया पर दुख प्रकट किया गया। इस दुख की घड़ी में उत्तराखण्ड रिपोर्ट परिवार प्रकाश पंत जी के परिवार के साथ पूरी साहनुभूति रखता है। साथ ही दिव्यगंत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है।