वासु हत्याकांड; सीबीएसई ने रद्द की चिल्ड्रन होम एकेडमी की मान्यता, छात्रों ने की थी हत्या

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देहरादून। छात्र वासु यादव की हत्या के बाद चर्चा में आए रानीपोखरी (ऋषिकेश) स्थित चिल्ड्रन होम एकेडमी की मान्यता केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रद्द कर दी है। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी चिल्ड्रन होम अकादमी की एनओसी रद्द कर दी थी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर विद्यालय की मजिस्ट्रेटी जांच की गई थी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने स्कूल की एनओसी निरस्त कर दी थी।

सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि मान्यता रद्द किए जाने के बाद भविष्य में होने वाली गृह परीक्षाओं व परीक्षा बोर्ड को देखते हुए स्कूल छात्र-छात्राओं को निकटतम सीबीएसई स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा।

वासु यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
बीते 10 मार्च को रानीपोखरी स्थित विद्यालय के छात्र वासु यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुरुआत में विद्यालय प्रबंधन ने इसे फूड प्वाइजनिंग से हुई मौत बताकर मामला दबाने की कोशिश की, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटों और अत्यधिक आंतरिक रक्तस्राव के चलते मौत होने की पुष्टि हुई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बुरी तरह पीटकर वासु की हत्या करने की बात भी कबूल ली थी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे। सचिव शिक्षा डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम के निर्देश पर एसडीएम ऋषिकेश की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई गई है, जिसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी भी शामिल रहे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में विद्यालय में कई अन्य गड़बड़ियों की पुष्टि की। विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार करने के बाद स्कूल की एनओसी निरस्त करने की कार्रवाई की गई।

अंतिम संस्कार को लेकर भी बड़ा खुलासा
उत्तराखंड के ऋषिकेश बोर्डिंग स्कूल में हुए वासु हत्याकांड में अंतिम संस्कार को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ था। वासु के पिता झप्पू यादव से 11 मार्च को एक एफिडेविट पर आननफानन में हस्ताक्षर करवाने के बाद वासु के शव को चिल्ड्रन होम अकादमी में दफन कर दिया गया।

इस संदर्भ में झप्पू यादव से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि वह अनपढ़ हैं। बेटियों ने सिर्फ हस्ताक्षर करना सिखा दिया है। उन्हें लिखना पढ़ना नहीं आता। झप्पू यादव के मुताबिक बीते 10 मार्च को वे देहरादून एक शादी में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्हें बेटे के साथ हुई घटना का पता चला तो वे सन्न रह गए थे।

पोस्टमार्टम के बाद उनके सामने पुलिस और स्कूल प्रबंधन के लोग एक एफिडेविट लेकर आए और हस्ताक्षर करने को कहा। किसी ने यह भी नहीं पूछा कि अंतिम संस्कार किस धार्मिक रीति रिवाज से किया जाए। उनसे बस इतना ही पूछा गया कि क्या अंतिम संस्कार कर दें।

अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने किया था दौरा
अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने अध्यक्ष आरके जैन के नेतृत्व में अकादमी का दौरा किया था। स्कूल प्रबंधन सहित पुलिस अफसरों के साथ अलग-अलग बैठक की। इस दौरान स्कूल की मान्यता और सोसायटी से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए थे।

अध्यक्ष आरके जैन ने बताया था कि दस्तावेजों के मुताबिक सीबीएसई से स्कूल की मान्यता 2020 तक है। इसके अलावा भी दस्तावेज मंगवाए गए, लेकिन संख्या ज्यादा होने के कारण मौके पर सभी कागजात नहीं देखा जा सका। लिहाजा दस्तावेजों को आयोग के कार्यालय में तलब किया गया। आयोग ने स्कूल प्रबंधन को हिदायत दी थी कि अकादमी की व्यवस्थाएं सुधारें, ताकि भविष्य में किसी तरह की लापरवाही न होने पाए।

ऋषिकेश में भोगपुर स्थित अकादमी में वासु हत्याकांड के बाद प्रबंधन स्तर पर एक के बाद एक अनियमितता के नए खुलासे हुए। जिलाधिकारी देहरादून एसए मुरुगेशन की ओर से गठित जांच टीम ने एकेडमी का औचक निरीक्षण किया।

एसडीएम ऋषिकेश प्रेमलाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा पैन्यूली और प्रोविजन अधिकारी मीना बिष्ट की संयुक्त जांच टीम को एकेडमी में धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियों का भी पता चला था। इसके अलावा परिसर में कब्रिस्तान की मंजूरी संबंधी दस्तावेज भी विद्यालय प्रबंधन नहीं दिखा पाया था। वासु यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चला था कि छात्र की पीट पीटकर हत्या की गई थी।

जांच टीम ने जमकर फटकार लगाई थी
जांच दल में शामिल एसडीएम प्रेमलाल ने बताया था कि बच्चों से बातचीत के आधार पर आशंका है कि संस्थान में धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियां भी संचालित होती रही हैं। परिसर स्थित कब्रिस्तान से जुड़े दस्तावेज और स्टाफ की नियुक्ति पत्र तलब किया गया जोकि संस्थान प्रबंधन नहीं दिखा पाया।

निरीक्षण के दौरान जांच दल ने स्कूल प्रबंधन का रजिस्टर खंगाला। ब्योरा रजिस्टर की हालत देख जांच टीम बेहद असंतुष्ट हुई। इसके बाद अकादमी के स्टाफ का नियुक्तिपत्र तलब किया गया तो वह भी नदारद मिला था।

जांच टीम ने जब स्कूल प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि स्टीफन सरकार 31 मार्च 2019 को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस पर जांच दल ने अकादमी परिसर में उनकी उपस्थिति पर भी सवाल उठाए और जमकर फटकार लगाई थी।

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