देहरादून। संवाददाता। मुरादाबाद के रहने वाले दंपत्ति शायद पूरी उम्र जीआरपी और देहरादून पुलिस के शुक्रगुजार रहें जिनकी वजह से चंद घंटो में ही उनका जिगर का टुकड़ा वापस उनकी गोद में आ गया लेकि सब उनके जैसे खुशनसीब नहीं रहे हैं। बच्चे के अपहरण का यह मामला उत्तराखंड में होने वाले कई मामलों की कड़ी का एक हिस्सा भर है. पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड इस बात की गवाही दे रहा हैं। दून रेलवे स्टेशन पर रविवार की रात चोरी हुए वंश नामक दस साल के बच्चे की किस्मत अच्छी रही की उसे जीआरपी ने कुछ घंटों के बाद ही बरामद कर लिया। बच्चें के मिलने के बाद से मां-बाप ईश्वर और दून जाआरपी का धन्यवाद करने में लगे हैं। मगर हर किसी की किस्मत वंश जैसी नहीं होती। ऐसे ही कुछ मामलों से आपकों अवगत कराते हैं।
साल 2012 से अब तक अकेले देहरादून में बच्चे के चोरी से लेकर बच्चे की खरीद-फरोख्त तक के मामले सामने आए हैं. पिछले साल मार्च में ही उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन स्माइल के तहत 297 बच्चों को बरामद कर उनके मां-बाप से मिलाया था. लेकिन उससे भी ज्यादा बच्चों की गुमशुदगी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज थी।