देहरादून। संवाददाता। राजधानी दून में घटित हाईप्रोफाइल पुलिस लूट कांड का सच कभी सामने आ पायेगा या नहीं यह एक बड़ा सवाल है। एसटीएफ द्वारा जहंा इस लूट कांड में लूटी गयी धनराशि व बैग का भी पता नहीं लगाया जा सका है। वहीं जांच में कमी के कारण इस लूटकांड के सभी आरोपी भी जमानत पर बाहर होने में सफल रहे। हालांकि सभी आरोपियों पर लूट से सम्बन्धित धाराओं में ही मुकदमा दर्ज किया गया था।
राज्य में लोकसभा चुनाव से पूर्व डालनवाला क्षेत्र में सरकारी वाहन से आये तीन पुलिस कर्मियों द्वारा चुनाव चैकिंग के नाम पर एक प्रापर्टी डीलर से बैग लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। चार अप्रैल को हुए इस लूटकांड में जहंा शुरूआती समय से ही करोड़ो की धनराशी लूट लिये जाने की बात कही जा रही थी। वहीं मामले में जब लूट का मुकदमा दर्ज होने के बाद एसटीएफ द्वारा जांच की गयी तो वह धनराशी भी बरामद नहीं हो सकी जो लूटी गयी थी और न ही वह बैग बरामद हो सका।
बता दें कि इस लूटकांड में आरोपी पुलिस कर्मियों द्वारा जिस सरकारी वाहन का उपयोग किया गया था वह आई जी कार्यालय से सम्बन्धित थी। जिसे 20 अपै्रल को सीज भी किया गया था। मामले में सीसीटीवी फुटेज सहित कई सबूत होने के बावजूद एसटीएफ न तो लूटी गयी धनराशि व बैग बरामद कर सकी और न ही वह बता पायी कि लूटी गयी धनराशि कितनी थी। इसका फायदा इस लूटकांड के पुलिसकर्मियों सहित साजिशकर्ता को भी मिला जिन सभी की जमानत हो गयी। अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या एसटीएफ कभी लूटे गये उन रूपयों को बरामद कर सकेगी या फिर यह पुलिस लूटकांड उत्तराखण्ड के इतिहास मेे अनसुलझे लूटकांड के रूप में दर्ज होगा!