देहरादून। संवाददाता। सिंचाई विभाग में गलत तरीके से स्थानांतरण के मामले पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं। सिंचाई महासंघ द्वारा आरोपों का खंडन करने के अगले दिन राज्य कर्मचारी परिषद ने भी मुखरता से जवाब दिया। परिषद ने कहा कि अच्छा होता कि महासंघ अधिकारियों का बचाव करने के बजाय कर्मचारियों की मांगों के लिए लड़ते। परिषद ने साफ किया कि वे दोषी अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलकर रहेंगे। चाहे कोई कितनी भी बाधा उत्पन्न करता रहे।
गुरुवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग में कई कर्मचारियों के गलत तरीके से स्थानांतरण किए गए हैं, जिनका परिषद विरोध करेगा। किसी भी कर्मचारी के साथ अन्याय होने नहीं दिया जाएगा। कहा कि सिंचाई कर्मचारी महासंघ अपने अधिकारियों का बचाव कर रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। फील्ड कर्मचारी वाहन भत्ते, एसीपी व अन्य मांगों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन महासंघ मांगों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों का साथ दे रहा है। कहा कि वे किसी भी संगठन से बैर नहीं रखना चाहते हैं, लेकिन यदि कोई संगठन उनकी राह में बाधा बनेगा तो वे चुप नहीं बैठेंगे। बैठक में ठाकुर प्रहलाद सिंह, प्रदीप कोहली, नंद किशोरी त्रिपाठी, गुड्डी मटूड़ा, राकेश ममगाईं, चौधरी ओमवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।
पूर्व पदाधिकारियों को किया बचाव
परिषद के सदस्य सिंचाई महासंघ द्वारा सेवानिवृत्त पदाधिकारी का नाम लिए जाने से भड़के हुए हैं। उन्होंने कहा कि परिषद का चुनाव संवैधानिक तरीके से कराया जाता है, जिसमें हजारों कर्मचारियों के मत से पदाधिकारी निर्वाचित किए जाते हैं। उन्होंने महासंघ को परिषद के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की नसीहत दी।
परिषद भंड़ाफोड़ की ओर
परिषद के सदस्यों ने उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ सिंचाई विभाग के हवाले से एक बार फिर सिंचाई विभाग में कर्मियों के स्थानांतरण में बड़ी अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। परिषद ने कहा कि विभाग के डिप्लोमा इंजीनियर्स ने उन कर्मियों के नाम सहित प्रबंधन से शिकायत की है। परिषद ने कहा कि वो जल्द ऐसे स्थानांतरण का भंडाफोड़ करेगा।