देहरादून। संवाददाता। ओएनजीसी महिला पालीटेक्निक/बी.एस.नेगी महिला पालीटेक्निक जो कि महारत्न प्राप्त कम्पनी ओएनजीसी द्वारा नियंन्त्रित व संचालित है, ओएनजीसी मुख्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारियों द्वारा सरकार की आंखों में धूल झौंककर ओएनजीसी व सोसाइटी की आड़ में वर्षो से इस संस्थान के माध्यम से अनियमितताओं व करोड़ों के घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। और तो और वर्तमान में ओएनजीसी प्रबन्धन द्वारा संस्थान की छात्राओं, शिक्षिकाओं व कर्मचारियों के विरूद्व साजिश रचते हुए संस्थान का अस्तित्व मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
ओएनजीसी महिला पालीटेक्निक कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात आज सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र जुगरान, हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.सी.पन्त सहित कई गणमान्य व्यक्तियों द्वारा कही गयी। उन्होने बताया कि उक्त संस्थान में हो रहे महाघोटालों व साजिशों के विरूद्व तथा संस्थान को बचाने के लिए संस्थान के कर्मचारियों व शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.सी.पंत द्वारा हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गयी है। हाईकोर्ट द्वारा इसे स्वीकारते हुए प्रथम दृष्टया समाज हित में संस्थान को बंद न करने के आदेश पारित किये गये है तथा 17 सम्बन्धित प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा गया है।