पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिस तरह से गरीबों के राशन पर डकैती डाली गई, यह किसी तरह से क्षमा योग्य नहीं है। इस घपले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। सबसे बड़े नाज घपले की जांच के लिए सरकार कोई स्वतंत्र एजेंसी या फिर आयोग गठित कर सकती है। सरकार का दावा है कि इस घपले के पीछे कई बड़े नाम भी हैं।
देहरादून (संवाददाता) : उत्तराखंड के अब तक के सबसे बड़े नाज घपले की जांच के लिए सरकार कोई स्वतंत्र एजेंसी या फिर आयोग गठित कर सकती है। सरकार का दावा है कि इस घपले के पीछे कई बड़े नाम भी हैं। वहीं 22 से ज्यादा अफसरों को घोटाला सामने आने के बाद हटा कर उनके तैनात स्थल से दिया गया है।
आईआरडीटी ओडिटोरियम में बुधवार को एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिस तरह से गरीबों के राशन पर डकैती डाली गई, यह किसी तरह से क्षमा योग्य नहीं है। इस घपले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस घपले में अभी कई बड़े नाम सामने आने बाकी हैं। यह ऐसा घपला है जिसे सार्वजनिक मंच पर कहा नहीं जा सकता, लिहाजा सरकार इसकी जांच किसी एजेंसी या आयोग से कराने पर विचार कर रही है। हालांकि इस मामले में अभी किसी बड़े नाम का आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन का कहना है कि जिनके एसएमओ और इंस्पेक्टरों के कार्यकाल में यह सब खेल हुआ था, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
18 से फूड इंस्पेक्टर हटाए
घपले का खुलासा होने पर 18 से ज्यादा मार्केटिंग इंस्पेक्टरों को हटा दिया गया है। इन सभी को गढ़वाल मंडल के जिलों में भेजा गया है। इनके बदले गढ़वाल से मार्केटिंग इंस्पेक्टर भेजे गए हैं।
4 केंद्र प्रभारी भी हटे
आयुक्त कार्यालय ने कुमाऊं संभाग से चार केंद्र प्रभारियों अरुण कुमार, भगवंत सिंह चौहान, मनोज मनराल और अभिनव कांडपाल को भी हटा दिया है। इनके बदले फिलहाल गढ़वाल से कमल कुमार दुआ को भेजा गया है।