देहरादून। संवाददाता। तीर्थनगरी क्षेत्र के तीन निकायों के कूड़ा निस्तारण और प्रबंधन को लेकर शहरी विकास निदेशालय के जरिए एडीबी और केईआईटीआई संयुक्त अभियान चलाएगा। तीनों निकायों के प्रमुखों के साथ अध्ययन दल के सदस्यों ने बैठक आयोजित की। जिसमें दल के सदस्यों ने कूड़ा निस्तारण और प्रबंधन को लेकर ठोस और कारगर उपाय किए जाने की बात कही।
तीर्थनगरी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कोरिया से आए विशेषज्ञों और एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रतिनिधियों की ऋषिकेश, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम के निकाय अध्यक्षों और अधिकारियों के साथ बैठक में खुली चर्चा हुई। नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक में नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं ने कहा कि शहर के लिए कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या बनी हुई है। घर-घर कूड़ा एकत्र करने का कार्यक्रम चल रहा है, लेकिन जमा कूड़े के जरिये बेहतर परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। भूखंड पर एकत्र कूड़े का वहीं पर निस्तारण किए जाने की जरूरत है। स्थाई ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए भूमि नहीं है।
मुनिकीरेती के पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी और नगर पंचायत स्वर्ग आश्रम के अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने अपने क्षेत्र में कूड़ा प्रबंधन को लेकर आ रही परेशानी को रखा। उन्होंने कहा कि एक तरफ गंगा नदी है दूसरी तरफ वन क्षेत्र है ऐसी स्थिति में कूड़े का निस्तारण कहां किया जाए। पेयजल निगम गंगा विंग के सहायक अभियंता हरीश बंसल ने सुझाव दिया कि गुजरात के सूरत शहर की तर्ज पर यहां रात्रि में भी सफाई व्यवस्था लागू की जाए ताकि सुबह सड़क साफ मिलने पर कोई भी व्यक्ति गंदगी डालने से संकोच करेगा। रात्रि में व्यापारी भी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि सूरत की तर्ज पर पॉलिथीन का ट्रीटमेंट कर इन्हें प्लास्टिक के दानों में बदला जा सकता है जो प्लास्टिक उद्योग के फिर से काम आ सकता है।
कोरिया एनवायरमेंटल इंडस्ट्री एंड टेक्नोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर ये चैन जोंग ने कहा कि किसी भी योजना के सफल संचालन के लिए जन सहभागिता का होना जरूरी है। योजना के लिए वित्तीय प्रबंधन इतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना जन सहभागिता। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश के कूड़ा निस्तारण की समस्या को लेकर एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी। रोडमैप तैयार होगा, इस संबंध में तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक विश्लेषण के पश्चात व्रहद योजना तैयार की जाएगी।
शहरी विकास निदेशालय के अधीक्षण अभियंता रवि पांडे ने कहा कि जनता सुविधा चाहती है और शुल्क देने को भी तैयार है। यहां कूड़ा निस्तारण प्लांट लगने के बाद नियमित कूड़ा उठान और समय पर प्लांट तक इसे पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए। बैठक में केईआईटीआई के वरिष्ठ प्रबंधक ली सेंगक्यूट, एशियन डेवलपमेंट के वरिष्ठ अर्थशास्त्री तादा तेरु हयाशी, एडीबी के सदस्य सागुता दासगुप्ता, भावेश कुमार, मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान, सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी, ईओ मुनिकीरेती बीपी भट्ट, ईओ स्वर्गाश्रम मोहन प्रसाद गौड़ आदि मौजूद रहे।