देहरादून। संवाददाता। राज्य आवास विकास विभाग द्वारा एमडीडीए का क्षेत्र विस्तार करते हुए उसमें कालसी चकराता और त्यूणी को भी शामिल कर लिया गया है। इस सीमा विस्तार से इस क्षेत्र के लोगों को क्या फायदा होगा यह तो दीगर बात है लेकिन एमडीडीए जिसे भ्रष्टाचार का अड्डा समझा जाता है के लिए कमाई के नये दरवाजे जरूर खुल गये है।
इस फैसले से एक बात साफ हो गयी है कि राज्य के सभी 13 जनपदों के लिए अलग विकास प्राधिकरण और उनके सीमा क्षेत्र में एक पूरा प्रदेश होगा।
कालसी, विकासनगर और त्यूणी के लोगों को अब अपने भवनों के नक्शे पास कराने और अन्य कामों के लिए देहरादून के चक्कर जरूर काटने पडे़गें। अब तक एमडीडीए की सीमा में आने वाले क्षेत्रों के लोग उसकी कार्यप्रणाली को लेकर कई तरह के सवाल उठाते रहे है। लोगों का मानना है कि यह विकास प्राधिकरण विकास का क्या काम करता है और उसका तौर तरीका क्या है इससे हर कोई वाकिफ है क्योंकि कभी न कभी हर एक व्यक्ति का इस प्राधिकरण से वास्ता भी पड़ता है।
एमडीडीए क्षेत्र के विस्तार के साथ ही अब कालसी, विकासनगर और त्यूणी विकासखण्डों को इसकी सीमा में लाये जाने तथा अब इन क्षेत्र के लोगों को प्राधिकरण के अनुरूप ही नियम और कानूनों का पालन करना अनिवार्य होगा और अगर प्राधिकरण के नियम विरूद्व कुछ भी किया जायेगा तो उसका हर्जाना और जुर्माना भी भरना पड़ेगा। खास बात यह है कि प्राधिकरण की सीमा क्षेत्र में होने वाले कार्यो को प्राधिकरण अब तक कितना देख पाता था और अब जब इसकी सीमा क्षेत्र में वृद्धि कर दी गयी है तब उसके लिए काम और कितना कठिन हो जायेगा। आम आदमी जिसके छोटे से छोटे काम भी प्राधिकरण से आसानी से नहीं हो पाते है ऐसे में कालसी, विकासनगर और त्यूणी के लोगों के लिए इससे सुविधा क्या मिलेगी? हां उन्हे अब एमडीडीए के काम के लिए दून के चक्कर काटने के लिए जरूर मजबूर होना पड़ेगा।