जनता को पीने का पानी निःशुल्क दे सरकार- किशोर उपाध्याय

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देहरादून। संवाददाता। हिमालयी राज्यों की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियां दूसरे राज्यों से अलग है। इसलिए उनके लिए कानून और व्यवस्थाएं भी अलग ही होनी चाहिए। जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

यह बात आज पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय द्वारा आज कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक पै्रस वार्ता के दौरान कही गयी। उन्होने कहा कि यह विडम्बना ही है कि जो हिमालयी राज्य पूरे देश को पानी उपलब्ध कराते है उन राज्यों के लोगों को पीने के पानी की कीमत देनी पड़ती है। उन्होने कहा कि हिमालयी राज्यों के लोगों को मुफ्त पेयजल मिलना चाहिए।

उन्होने कहा कि हिमालयी राज्यों को पृथक अधिकार देने चाहिए। उन्होने कहा कि अब हिमालयी राज्यों के विशेष अधिकारों पर चर्चा तो शुरू हुई है लेकिन उनकी उपलब्धियों और उनके योगदान को वह महत्व नहीं दिया जा सका है। जिसके वह अधिकारी है। हिमालयी राज्यों पर चाहे वह जल को लेकर हो या जगंल को लेकर प्रतिबंध के अनेक कानून तो बनाये गये है लेकिन इन राज्यों के योगदान का कोई मुल्यांकन नहीं है।
उन्होने कहा कि राज्य में होने वाले हिमालयी राज्यों के मुख्यमत्रिंयों के सम्मेलन में इन राज्यों की तमाम समस्याओंए उपलब्धियों और अधिकारों पर भी चर्चा हो लेकिन उसका कोई फायदा तभी है जब इस पर कोई सुपहल भी हो। उन्होने कहा कि इस सम्मेलन में हमारी नौ मांगों को भी शामिल किया जाये जिसमें हमें वनवासी घोषित करनेए केन्द्र में नौकरी देनेए वनों से लकड़ी लाने व एक सिलेन्डर मुफ्त देने की बात कही है।

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