वन्य जीवों के हमले से घायल लोगों को मिलेगा बढ़ा हुआ मुआवजा

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देहरादून। वन्य जीव हमलों की बढ़ती वारदातें और उनसे होने वाले नुकसान पर डीएफओ सम्मेलन में गहन चिंतन मंथन के बाद मुआवजा राशि बढ़ाने पर सहमति बन चुकी है। मुख्य वनाधिकारी जयराज ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही वन विभाग द्वारा इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा जायेगा। उन्होने बताया कि सम्मेलन में वन्य जीव हमलों में होने वाली क्षति का राष्ट्रीय आपदा माना जाना चाहिये। उन्होने कहा कि राज्य में वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। वन्य जीवों के हमलों में कई बार लोगों की जान तक चली जाती है।

उन्होने बताया कि सम्मेलन में वन्य जीव हमलों में मिलने वाले मुआवजे को बढ़ाने पर मुहर लगायी गयी है। पहले वन्यजीव हमले में किसी की भी मृत्यू होने पर तीन लाख का मुआवजा दिया जाता था जिसकी राशि को छह लाख किये जाने तथा हमले में घायल को 15 हजार की जगह तीस हजार मुआवजा देने पर सहमति हुई है। वहीं वन्य जीव हमले में अंग भंग होने या स्थायी अपंगता की स्थिति में एक लाख मुआवजा देने का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर दो लाख किये जाने की मांग पर स्वीकृति बनी है।

जयराज का कहना है कि डीएफओ सम्मेलन में जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी है उसे अब सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा और सरकारी मंजूरी के बाद वन्य जीव हमले में घायल लोगों को अधिक मुआवजा दिये जाने का रास्ता साफ हो जायेगा। उन्होने कहा कि यह वास्तव में एक आपदा जैसी स्थिति ही है। इसलिए सरकार से मांग की गयी है कि बादल फटने, पहाड़ गिरने जैसी स्थिति को राष्ट्रीय आपदा मानने की तरह वन्य जीव हमलों के मामलों को भी राष्ट्रीय आपदा ही माना जाना चाहिए और उसके अनुकूल सुविधायें भी पीड़ितों को दी जानी चाहिए।

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