देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विभिन्न वर्गों में शिक्षक तो इस बात की शिकायत करते ही थे, अब शिक्षा मंत्री ने भी यह बात स्वीकार की है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे तो अधिकारियों से इतने नाराज नजर आए कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफे की धमकी तक दे डाली। इसके साथ ही उन्होंने ट्रांसफर एक्ट का फायदा जरूरतमंद शिक्षकों को न मिल पाने पर अफसोस भी जाहिर किया।
शिक्षकों से मांगी माफी
जवान बेटे की मौत का प्रभाव स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर गुरुवार को भी दिखा। करीब एक महीने बाद विधानसभा पहुंचे अरविंद पांडे आवाज और अंदाज से आज अलग नजर आए। दबंग माने जाने वाले शिक्षा मंत्री आज शिक्षकों से, अभिभावकों से माफी मांगते दिखे।
अरविंद पांडे ने अपनी बात की शुरुआत उन शिक्षकों से माफी मांगकर की जिन्हें ट्रांसफर एक्ट का फायदा नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो मैं उन शिक्षकों से क्षमा चाहता हूं, जिन्हें यह उम्मीद थी कि ट्रांसफर एक्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। ऐसे बहुत से शिक्षक हैं, जो जवानी में दुर्गम में गए थे, उन पर बुढ़ापा आ गया लेकिन आज तक उनकी किसी ने नहीं सुनी। ऐसे लोगों को ट्रांसफर एक्ट से जो उम्मीद जगी है, मैं कोशिश करूंगा कि उन्हें इसका लाभ मिले।
अभिभावकों से माफी मांगी
इसके बाद शिक्षा मंत्री ने किताबों की कालाबाजारी से परेशान अभिभावकों से भी माफी मांगी। उन्होंने कहा कि स्कूलों में माफियागर्दी को रोकने के लिए राज्य में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया गया था लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की वजह से इस कानून को पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा, “अभिभावकों को एनसीईआरटी के अलावा माफियागर्दी द्वारा थोपी गई किताबें भी लेनी पड़ीं, मैं इसके लिए भी माफी चाहता हूं।