देहरादून। संवाददाता। आज देश भर में कारगिल विजय की 20वीं वर्षगांठ शौर्य दिवस के रूप में मनाई गयी तथा इस युद्ध में देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सपूतों को भाव पूर्ण श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी।
कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखण्ड में प्रमुख कार्यक्रम राजधानी दून के गांधी पार्क में आयोजित किया गया। शौर्य दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यहां शहीद स्थल पर सूबे के उन वीर जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की जिन्होने कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे करते हुए अपने देश की सीमाओं की हिफाजत के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर पर कहा कि हमे हमेशा अपने उन वीर जवानों पर गर्व रहेगा जिन्होने देश की सेवा में अपना तन मन धन सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उनकी कुर्बानियों के लिए देश और समाज सदैव ऋणी रहेगा और उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए सचिव स्तर का एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने व सचिवालय में प्रवेश के लिए प्रवेश पत्र की जगह उनके आईडी कार्ड को ही प्रवेश पत्र को मान्यता देने जैसी दो बड़ी घोषणाएं भी की है।
उन्होने कहा कि कारगिल युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में 1999 मे लड़ा गया था। 15 हजार फुट की ऊचांई पर लड़ा जाने वाला यह युद्ध सबसे अधिक लम्बे समय तक लड़ा गया था। जिसमें देश के 527 जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी थी जिसमें राज्य के 15 जवान शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा इन शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया।