देहरादून। संवाददाता। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आज इसके लिए आरक्षण अधिसूचना जारी कर दी गयी है। राज्य में होने वाले इन चुनावों को पुरानी नियमावली के आधार पर ही सम्पन्न कराया जायेगा। इससे सरकार को बड़ा झटका लगा है। पंचायती राज एक्ट में संशोधन की उसकी पूरी की पूरी कवायद बेकार हो गयी है जबकि सरकार के संशोधित एक्ट पर राज्यपाल द्वारा भी अपनी मंजूरी की मोहर लगा दी गयी थी।
हरिद्वार को छोड़कर बाकी सभी 12 जनपदों में आगामी चार महीने में पंचायती चुनाव सम्पन्न हो जायेगें। राज्य में यह चुनाव नये संशोधित एक्ट की बजाय पुरानी नियमावली के आधार पर ही होंगे। चुनाव में पढ़े लिखे और ऐसे व्यक्ति ही चुनाव लड़ सकेंगे जिनके पास जीवित दो या दो से कम बच्चे होगें। जिनके पास दो से अधिक बच्चे है और जो पंचायती चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे थे वह अब चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। जिससे उन्हे भारी झटका लगा है।
विपक्ष इस मुद्दे पर लम्बे समय से सरकार पर चुनावों को लम्बित रखने का आरोप लगा रहा था। वहंी सत्ता पक्ष भी पंचायत चुनाव में अड़गा डालने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रहा था काूननी दांवपेचों और पंचायत अधिनियम में संशोधन की पेचीदगी में फंसे पंचायत चुनाव के लिए हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रास्ता साफ तो हो गया है लेकिन चुनाव के लिए स्वंय को तैयार बताने वाले भाजपा व कांग्रेंस के नेता अभी भी इस पर एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने में जुटे है। कांग्रेस पुरानी नियमावली से चुनाव पर खुश है क्योंकि राज्यपाल द्वारा संशोधित एक्ट पर अपनी मंजूरी के बाद भी भाजपा के मन की नहीं हो सकी है वहीं भाजपा का दावा है कि वह निगम व निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तरह इन चुनावों में भी बड़ी जीत हासिल करेगी। अब इस चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से जल्द चुनाव सम्पन्न हो जायेगें।