नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में जिलें के सभी निजी अस्पताल हड़ताल पर

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देहरादून। संवाददाता। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में सूबे के निजी अस्पतालों की हड़ताल के कारण आज मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि इन अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं जारी रही लेकिन ओपीडी बंद रहने के कारण हजारों मरीजों को सरकारी अस्पतालों में दौड़ना पड़ा। जिसके कारण उन्हे भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

आज सुबह से जारी यह हड़ताल 24 घंटे यानि कल सुबह तक जारी रहेगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राजधानी दून के 150 निजी अस्पतालों सहित राज्य में दो हजार से अधिक निजी अस्पताल है जो राज्य के लोगों की 80 फीसदी स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी उठा रहे है। निजी अस्पतालों की हड़ताल के कारण ऐसे में मरीजों का परेशान होना स्वाभाविक ही है। मजबूरी में सरकारी अस्पतालों में जाने के कारण आज सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखी गयी। ओपीडी में मरीजों की लम्बी लम्बी कतारें सुबह से ही लग गयी थी। मरीजों की भारी भीड़ के कारण मरीज ही नहीं डाक्टरों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हड़ताल के कारण आज निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। तथा डाक्टरों ने मरीजों की जांच नहीं की। इन अस्पतालों में आज पैथोलोजी लैबों में भी कोई जांच नहीं हुई। आईएम के आहवान पर बुलाई गयी इस हड़ताल के बारे में पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा लाया गया यह बिल किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे चाहे उन्हे अपने आंदोलन को किसी भी हद तक ले जाना पड़े। निजी अस्पतालों की हड़ताल के मद्देनजर भले ही आज के लिए सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही तैयारी कर रखी थी लेकिन मरीजों की भीड़ के आगे उनकी तैयारी भी दम तोड़ती दिखी। आईएम के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर बिल को वापस नहीं लिया गया तो वह आगे भूख हड़ताल भी करेंगे।

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