देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास किराया वसूली में राहत देने से नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा साफ इंकार कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्रियों पर आवास किराये तथा अन्य मदों के 16 करोड़ से अधिक बकाया है जिसके सम्बन्ध में नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार दर से किराया वसूलने के आदेश दिये गये थे लेकिन दो सालों बाद भी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास किराया नहीं वसूल सकी है।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और भगत सिंह कोश्यारी द्वारा अब हाईकोर्ट में अपील दायर करते हुए किराया माफ करने की मांग की गयी थी। जिस पर आज सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया। अदालत का साफ कहना है कि पद छोड़ने के बाद भी जब वह आवासों पर कब्जा जमाये रहे तो उनसे किराया क्यों न वसूला जाये? जिसका कोई संतोंष जनक जवाब न दिये जाने पर कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया।
आवास किराया वसूली के इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत को छोड़ कर बाकी सभी पूर्व मुख्यमंत्री फंसे हुए है। जिसमें से पूर्व सीएम एनडी तिवारी का निधन हो चुका है। डा. रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा तथा पूर्व मेजर जनरल खण्डूरी जिन पर किराया बाकी है उनसे अब सरकार किराया कैसे वसूलती है आने वाला समय ही बतायेगा। चर्चा यह भी है कि सरकार अध्यादेश के जरिए इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को इस झंझट से मुक्ति दिलाने के प्रयास में जुटी है।