देहरादून। संवाददाता। पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण हो रहे भूस्खलन से सूबे के तमाम राजमार्गो पर यातायात ठप हो गया है। जिससे चारधाम यात्रा पर तो ब्रेक लग ही गया है वहीं सड़क और सम्पर्क मार्गो के बाधित हो जाने से दर्जनों गांवों का सम्पर्क भी कट गया है। इससे प्रदेश वासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आसमान से बरस रही आफत के कारण बीते कल चमोली और टिहरी के जिन गांवो में बादल फटने से तबाही हुई वहीं बचाव राहत के कामों में लगी टीमों का पहुंचना और काम करना भी मुश्किल हो रहा है। चमोली के देवाल ब्लाक के 14 गांव इस आपदा काल में अलगकृथलग पड़ गये है। देवाल क्षेत्र में कल बादल फटने की घटना में लापता रमेश की पत्नी पुष्पा और बेटी ज्योति का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। रेस्क्यू टीमें उनकी तलाश में जुटी हुई है।
उधर बद्रीनाथ हाईवे पर श्रीकोट में सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंसने और नदी में समा जाने के कारण इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। उधर रूद्रप्रयाग से प्राप्त समाचार के अनुसार बासवाड़ा में सड़क पर पहाड़ से आये मलबे के कारण यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। जिससे केदारनाथ जाने वाले जो जहां है वहीं फंस गये है। रूद्रप्रयाग गौरीकुंड मार्ग पर 12 से अधिक डेंजर जोन बन गये है तथा पहाड़ से लगातार मलबा आ रहा है जिसे हटाना संभव नहीं हो पा रहा है।
दो दिन से इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप है। जिससे गंगोत्री जाने वाले यात्री परेशान है। जिलाधिकारी ने स्थिति का जायजा लिया और कहा कि आलवेदर रोड के लिए की जाने वाली कंटिग के कारण ही स्थिति खराब हुई है तथा इसे रोके जाने की जरूरत है। उधर टिहरी के प्रतापनगर में लंबगांव बाजार के नीचे हो रहे भूस्खन के कारण चार गांवों का सम्पर्क मुख्यालय से कट चुका है और राजकीय इंटर कालेज के भवन को भी खतरा पैदा हो गया है। चमोली में पिंडर नदी उफान पर है प्रशासन द्वारा लोगों को सर्तकता बरतने को कहा गया है। ऋषिकेश व हरिद्वार में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।