देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का औपचारिक एलान नहीं हुआ है, लेकिन माहौल बनने लगा है। सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियों के बीच सियासी दलों की सेना पंचायत चुनाव के लिए जुटने लगी है। रविवार को छुट्टी के दिन कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में खासी चहल पहल रही। कांग्रेस और भाजपा कार्यालयों में राजनीति के दिग्गज जुटे, पंचायत चुनाव पर चर्चा हुई और जीत के दावे किए गए। इधर सब कुछ सही रहा, तो सरकार 30 नवंबर 19 से पहले त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव पूरा कराने के मूड में है। उस हिसाब से देखें, तो पंचायत चुनाव में अब वक्त नहीं बचा है।
महिलाओं को भी हर जिले में प्रभारी बनाएगी कांग्रेस
कांग्रेस ने महिलाओं को भी हर जिले में प्रभारी बनाने का निर्णय लिया है। दो दिन पहले ही कांग्रेस ने हर जिले में प्रभारी नियुक्त किए हैं। महिला प्रभारी का निर्णय पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को देखते हुए किया गया है। महिला कांग्रेस से इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नाम मांगे हैं। दो चार दिन के भीतर महिला जिला प्रभारी भी नियुक्त कर दी जाएंगी। प्रदेश अध्यक्ष अनुग्रह नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने रविवार को फ्रंटल संगठनों के साथ कांग्रेस भवन में आयोजित बैठक के दौरान यह निर्णय लिया। कांग्रेस ने दावा किया है कि पंचायत चुनाव में पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी। पौने तीन साल के त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल की कमियों को पंचायत चुनाव में उजागर किया जाएगा।
बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने बताया कि महिला जिला प्रभारी बनाने का सबसे बड़ा फायदा पंचायत चुनाव में मिलेगा। हालांकि संगठनात्मक मजबूती के लिए महिला जिला प्रभारी लगातार काम करती रहेंगी, लेकिन पंचायत चुनाव के लिए फीडबैक, प्रत्याशी चयन समेत तमाम मामलों में उनकी अहम भूमिका रहेगी। महिला जिला प्रभारी जिन भी दावेदारों को आगे करेगी, उसकी समीक्षा करते हुए उचित निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि श्रीनगर और बाजपुर निकाय चुनाव इस बात के उदाहरण है कि कांग्रेस एकजुट होकर जब भी लड़ी है, तब उसे जीत मिली है। पंचायत चुनाव में जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाया जाएगा।
भाजपा पंचायत चुनाव समिति ने रणनीति पर की बात
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा की चुनाव समिति और प्रमुख पदाधिकारियों की रविवार को बैठक हुई। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि पंचायत चुनाव को पार्टी पूरी गंभीरता से लेकर लड़ने जा रही है। पंचायत चुनाव में भी भाजपा का परचम लहराएगा। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश के विकास में पंचायत व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । इसके दृष्टिगत भाजपा इस चुनाव को पूरी गंभीरता से लेती है। हमें इस चुनाव को लेकर जहां जन सेवा समर्पित प्रत्याशियों को आगे बढ़ाना है, वहीं चुनाव में विजय हेतु कार्य योजना भी तैयार करनी है।
पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी ने पांच सदस्यीय समिति बनाई है, जिसे खास जिम्मेदारी दी गई है। इस समिति में प्रदेश के सहकारिता व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल, प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी, पूर्व महामंत्री नरेश बंसल, नीरू देवी शामिल हैं। बैठक में समिति सदस्यों के अलावा प्रदेश सरकार में शिक्षा व पंचायतराज मंत्री अरविंद पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति गैरोला, प्रदेश महामंत्री खजान दास, राजेंद्र भंडारी, अनिल गोयल व प्रदेश कार्यालय सचिव पुष्कर सिंह काला भी मौजूद रहे।
पंचायत जनाधिकार मंच ने उठाए सरकार पर सवाल
पंचायत जनाधिकार मंच ने रविवार को पंचायत आरक्षण प्रक्रिया को आगे खिसकाने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। मंच के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि आरक्षण प्रक्रिया को इसलिए आगे खिसकाया गया है, ताकि सरकार के चहेते लोगों के हिसाब से आरक्षण का रोस्टर तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह नाकाबिले बर्दाश्त है और इसका पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में बिष्ट ने कहा कि परिसीमन काफी पहले हो चुका है, एक दिन पहले तक जो रोस्टर तैयार किए गए थे, वह पारदर्शी तरीके से किए गए थे, लेकिन अब इसलिए कार्यक्रम में संशोधन किया गया है कि सरकार अपनी मनमर्जी चला सके। उन्होंने कहा कि मंच ने संशोधन एक्ट की खामियों को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर की है। सरकार को मनमर्जी नही करने दी जाएगी। बैठक में मथुरा दत्त जोशी, राजेंद्र भंडारी, प्रेम बहुखंडी, अमरजीत सिंह, सुरेंद्र रांगड़, संजय भट्ट, श्यामलाल आर्य, दौलतराम डोभाल, अश्विन बहुगुणा, यशपाल चैहान, शांति रावत, सुरेंद्र सिंह रावत मौजूद रहे।