देहरादून। संवाददता। देर आए दुरुस्त आए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके महर्षि महेश योगी ) के चौरासी कुटिया बीटल्स आश्रम के दिन अब सुधरने की उम्मीद बनी है। केन्द्रीय पर्यटन मत्रांलय ने, ‘अपनी धरोहर अपनी पहचान’ योजना के तहत चौरासी कुटिया को गोद लेने के लिए उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय से समझौता किया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह ने उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को एक समझौता पत्र सौंपा है, जिसमें उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित चौरासी कुटिया और रुद्रप्रयाग के नारायण मंदिर को गोद लेने की स्वीकृति दी गई है। रोचक ये है कि इस कुटिया से बीटल्स बैंड का गहरा नाता है।
60 के दशक में बसाई गई थी 84 कुटिया
गौरतलब है कि महर्षि महेश योगी ने भारतीय योग को पहली बार विदेशियों से रूबरू करवाया था। उन्होंने ऋषिकेश के गंगा तट पर 60 के दशक में प्राचीन और वैज्ञानिक पद्धति को मिलाकर एक नगर बसाया था- शंकराचार्य नगर. इसमें गोल गुम्बदाकार 84 कुटिया का निर्माण किया गया था जो आज भी अद्भुत कारीगरी के अनूठे मेल की मिसाल है।
60 और 70 के दशक में मशहूर बैंड बीटल्स महेश योगी के शिष्य बने थे और फिर वह ऋषिकेश भी पहुंचे। बीटल्स की लोकप्रियता पर सवार होकर भारतीय योग और आध्यात्म पश्चिम पहुंचा और तब पहली बार पूर्व और पश्चिम का मिलन हुआ।