जल्द सुनाई देगी घंटाघर में लगी घड़ी की सुईयों की आवाज-टन-टन

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देहरादून। संवाददाता। शहर के दिल घंटाघर का नया स्वरूप जल्द लोगों के सामने होगा। करीब बारह साल से बंद इसकी घड़ियों की सुइयां भी चलने लगेंगी और घंटा भी टन-टन कर रहा होगा। इसके परिसर में फुव्वारे भी चलेंगे और आधुनिक चमचमाती लाइटें भीं। नगर निगम ने इसके लिए करीब आठ लाख रुपये की नई घड़ी मंगा ली गई है। सौंदर्यीकरण का काम भी जल्द पूरा होने वाला है। ओएनजीसी के फंड से यह काम कराया जा रहा।

ओएनजीसी ने इसके लिए 85 लाख रुपये दिए हैं, जबकि करीब साठ लाख रुपये का खर्च नगर निगम ने इसकी नींव की मजबूती पर किया है। अब इसमें म्यूजिकल लाइट, फाउंटेन भी लगाए जा रहे हैं साथ ही डिजिटल घड़ी भी। गत 28 जून को नींव की मजबूती कार्य पूरा होने के बाद महापौर सुनील उनियाल गामा ने सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास किया था। वर्षों से इसकी सुईंयां बंद पड़ी हैं और निगम 2008 से सुईंया चलाने के लिए कसरत कर रहा था, लेकिन बजट का अभाव होने से निगम हर बार हाथ पीछे खींच लेता था।

ओएनजीसी ने पहल की और इसके सौंदर्यीकरण के लिए सीएसआर फंड से 85 लाख रुपये देने की बात कही। यह काम दो साल पहले शुरू कराया जाना था लेकिन इसकी नींव कमजोर मिली। इस पर ब्रिडकुल के जरिए पहले इसकी नींव को मजबूत किया गया व अब सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा। महापौर गामा ने बताया कि घंटाघर की नींव के साथ प्लस्तर का काम भी हो चुका है। अब यहां फव्वारे के साथ पार्क में हरियाली, लाइटिंग व दीवारों का पुर्ननिर्माण आदि का काम होगा। गामा ने कहा कि घंटाघर विरासत का हिस्सा है और इसे सहेजना हमारा कर्तव्य है।

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