अशासकीय स्कूलों में फर्जी शिक्षक और अनुदान देने वाले अफसर एसआईटी के निशाने पर

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देहरादून। संवाददाता। अब एसआईटी प्रदेश के सरकारी और अनुदान वाले अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति करने के साथ ही अनुदान देने वाले अफसरों को जांच के दायरे में लेती दिख रही है। एसआइटी ने ऐसे अफसरों की सूची तैयार करते हुए शासन से कार्रवाई की अनुमति मांगने को पत्र लिखा है। एसआईटी के इस कदम से संलिप्त अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।

 

सरकारी व अनुदान वाले अशासकीय स्कूलों में फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की लम्बे फेहरिस्त है। इनमें से कई एसआइटी की पकड़ में आ गए हैं। मगर, कुछ की अभी जांच चल रही है। हरिद्वार और दून में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हो गए हैं। मगर, फर्जी दस्तावेजों से शिक्षक नियुक्ति करने तथा स्कूलों को अनुदान देने वाले अफसर इस कार्रवाई से बचते फिर रहे हैं।

 

ऐसे में एसआइटी इन अफसरों की जिम्मेदारी तय करने जा रही है। इसके लिए शासन को जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ भी मुकदमे अथवा विभागीय जांच की कार्रवाई हेतु अनुमति मांगी गई है। एसआइटी ने पत्र में लिखा है कि नियुक्ति के दौरान अफसरों ने यदि प्रमाणपत्रों की जांच के बगैर अथवा डिग्रियों में अंतर कैसे नहीं देखा।

 

इसके अलावा अन्य मानक भी फर्जी शिक्षक पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इन अफसरों के खिलाफ भी जांच बनती है कि इनके द्वारा भूलवश या जानबूझकर यह कार्रवाई की है। एसआइटी की इस कार्रवाई से नियुक्ति व अनुदान जारी करने वाले अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।

 

एएसपी एवं एसआइटी प्रभारी श्वेता चैबे के मुताबिक अनुदान जारी करने तथा नियुक्ति देने वाले अफसरों की पूरे प्रकरण में मिलीभगत की जांच जरूरी है। इसके लिए शासन को पत्र लिखा गया है। शासन की अनुमति मिलने के बाद ऐसे अफसरों के खिलाफ जांच व मुकदमे की कार्रवाई की जाएगी।

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