देहरादून। संवाददाता। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य के सभी जिलों के 13 डीएम को नोटिस जारी कर पूछा है कि अगर राज्य में स्लॉटर हाउस बंद है तो बाज़ारों में मीट बिक कैसे रहा हैण् ये लोग कहां से मीट लेकर आ रहे हैं। कोर्ट ने सभी डीएम को आदेश दिया है कि 30 सितम्बर तक कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर बताएं कि दुकानों और होटलए रेस्टोरेंट में बेचे जाने वाला मीट आखिर आ कहां से रहा है। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा के हरिद्वार ने कमिश्नर से आरटीआई मांगी थी की कितने स्लॉटर हाउसों की अनुमति दी गई है जिसमें कहा गया है कि कोई भी स्लॉटर हाउस की अनुमति नहीं दी गई है।
पिछले साल यह दिया था आदेश
बता दें कि पिछले साल हाईकोर्ट ने राज्य में 72 घंटों के दौरान अवैध स्लॉटर हाउसों को बंद करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कहीं भी खुले में स्लॉटर नहीं किया जा सकता है। इस आदेश के बाद राज्य में सभी स्लॉटर हाउसों पर ताले ज़रूर लगे मगर राज्य के होटलए रेस्टोरेंट और दुकानों में मीट लगातार बिकता पाया गया है। राज्य सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है लेकिन उसे कोई स्टे नहीं मिला है।
सरकार का तर्क
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि यह मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मांगी तो सरकार दिखा नहीं सकीण् कोर्ट ने पूरे मामले पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर 30 सितम्बर तक कोई संतोषजनक उत्तर सरकार नहीं दे पाएगी तो राज्य में अवैध रुप से बिक रहे मांस को बंद करना पड़ेगा।