देहरादून। संवाददाता। संवासिनी से दुष्कर्म और फिर गर्भपात मामले में नारी निकेतन की तत्कालीन अधीक्षिका सहित नौ आरोपियों को आज सजा सुनाई गयी है। जिनमें मुख्य आरोपी सफाई कर्मी गुरूदास पर सात साल कारावास व 10 हजार का जुर्माना हुआ है। सभी आरोपियों को शुक्रवार को ही दोषी करार दे दिया गया था।
विदित हो कि नवम्बर 2015 में नारी निकेतन में रह रही मूक बधिर सवासिनी से दुष्कर्म और गर्भपात का मामला सामने आया था। इस सनसनी खेज मामले का खुलासा एक गोपनीय पत्र द्वारा किया गया था। मामले की जानकारी जब तक पुलिस को हुई तब तक संवासिनी का गर्भपात भी करा दिया गया था। मामले ने जब तूल पकड़ा तो मामले की जांच तत्कालीन एसपी सिटी अजय सिंह की अगुवाई में की गयी गठित एसआईटी द्वारा की गयी। जांच में जुटी टीम ने संवासिनी के भ्रूण के डीएनए से आरोपितों के डीएनए का मिलान करवाया। डीएनए की रिपोर्ट मेें सामने आया कि उक्त डीएनए नारी निकेतन के सफाई कर्मचारी गुरूदास का है।
सभी साक्ष्यों के अवलोकन के बाद एसआईटी द्वारा नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। चार्जशीट दाखिल होने के बाद चली सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 23 गवाह अदालत में पेश किये जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक भी गवाह सामने नहीं आया। साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने सभी नौ आरोपियों को शुक्रवार को दोषी करार दे दिया था। जिन्हे आज सजा सुनाई गयी। मुख्य आरोपी गुरूदास को सात साल व दस हजार जुर्मानाए हाफिज को पांच साल व दस हजार जुर्मानाए चन्द्रकला का चार साल व दस हजार जुर्माना सहित अन्य को भी सजाये हुई है।