देहरादून में बुधवार से चलेगा सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का महाभियान

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देहरादून। देहरादून शहर में बुधवार से सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के महाभियान की शुरुआत होगी। आज अपर मुख्य सचिव (लोनिवि) ओम प्रकाश की अध्यक्षता में एक बैठक रखी गई है, जिसमें महाभियान की रणनीति बनेगी। अपर मुख्य सचिव लोनिवि ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सर्वे रोड स्थित आईआरडीटी सभागार में आज शाम साढ़े पांच बजे होने वाली बैठक में अभियान को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में एमडीडीए, नगर निगम, पुलिस, लोनिवि, सिंचाई, ऊर्जा, राजस्व समेत अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

बैठक में अपर मुख्य सचिव अभियान से जुड़े अधिकारियों से अब तक की प्रगति का ब्योरा तलब करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से यह ब्योरा भी मांगा है कि शहर में जिन इलाकों में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है, वहां सड़क, फुटपाथ और बिजली के पोल लगाने का कार्य पूरा हुआ या नहीं। यदि पूरा नहीं हुआ तो उसके क्या कारण रहे? बैठक में एसीएस उन स्थानों का ब्योरा मांग सकते हैं, जहां से अतिक्रमण हटाया था और वहां दोबारा कब्जा कर लिया गया।

दोबारा अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार अफसरों पर हो सकती है कार्रवाई
देहरादून शहर में उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है, जिनके कार्यकाल के दौरान हटाए स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण हो गया। उच्च न्यायालय ने शहर में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के साथ ही सरकार को उन अफसरों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिनके कार्यकाल में कब्जे हुए थे। इसके लिए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को जिम्मेदारी दी थी। मुख्य सचिव ने गढ़वाल आयुक्त को इस कार्रवाई का नोडल अधिकारी बनाया था।

गढ़वाल आयुक्त सभी विभागों के प्रमुखों को इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों की सूची तैयार करने को कहा था। लेकिन किसी भी विभाग ने सूची नहीं बनाई। विभागों ने पुराना मामला मानकर इसमें हीलाहवाली की। लेकिन पिछले साल अतिक्रमण हटाने के मामले में उनका शायद ही कोई बहाना चलेगा। पिछले वर्ष जहां अभियान चला, उनमें से कई स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण हो गए। सूत्रों की मानें तो इसे लेकर शासन क्षुब्ध है और न्यायालय के स्तर पर भी इसे गंभीरता से देखा जा सकता है। इसीलिए यह माना जा रहा है कि शासन उन अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकता है, जो दोबारा हुए अतिक्रमण के लिए जवाबदेह हैं।

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