स्टिंग प्रकरण- सुप्रीम कोर्ट की शरण में हरीश रावत

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देहरादून। संवाददाता। स्टिंग मामले में सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर केस दर्ज करने की तैयारी और उनकी गिरफ्तारी की संभावनाओं के मद्देनजर उन्होने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि सरकार ने पूर्व गृहमंत्री और वित्त मंत्री पी. चितम्बरम की तरह उन्हे भी जेल भेजने की योजना बना रखी है जिसे लेकर वह न्यायालय की शरण में है। उनका कहना है कि केन्द्र की भाजपा सरकार और विपक्ष की आवाज को बंद करने और विपक्ष को समाप्त कर देना चाहती है। रावत का कहना है कि भाजपा ने ठान लिया है कि जो उनकी शरण में आ जायेगा वह सुरक्षित बाकी सभी असुरक्षित। सीबीआई और ईडी के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि विपक्ष और विरोध को समाप्त करने के लिए इन्हे विपक्षी नेताओं के पीछे छोड़ दिया गया है। उन्होने कहा कि सत्ता मद में भाजपा लोकतंत्र और सविधान की मर्यादाओं को समाप्त करने पर आमादा है। लेकिन वह डरने वाले नहीं है और हर स्थिति का सामना करने को तैयार है उन्होने कहा कि मुझे न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है इस लिए वह न्याय की शरण में है।

उल्लेखनीय है कि 2016 के विधायक खरीद फरोख्त से जुड़े स्टिंग मामले में सीबीआई द्वारा जांच पूरी कर लेने और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात हाईकोर्ट से कही गयी है जिसके बाद से ही हरीश रावत पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। इस बाबत भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच भी बीते कुछ दिनोें से वाक युद्ध छिड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और पूर्व सीएम हरीश रावत भी एक दूसरे को आइना दिखाने में जुटे हुए है लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि हरीश रावत व कांग्रेस ने जो बोया है वही उसे काटना पड़ेगा। कानून अपना काम कर रहा है इसमें भाजपा व उसके किसी नेता का कोई दखल नहीं है। जबकि कांगेे्रस इसे सरकार का षडयंत्र मान रही है। खुद हरीश रावत का कहना है कि इसकी पटकथा भाजपा द्वारा बहुत पहले लिखी जा चुकी है और वह चितम्बरम की तर्ज पर उन्हे भी जेल भेजने की तैयारी में जुटी है। अजय भट्ट व डा. भसीन का कहना है अदालत की शरण में जाना सबका अधिकार है हरीश रावत सुप्रीम कोर्ट की शरण में गये है इसमें कोई खास बात नहीं है।

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