देहरादून। संवाददाता। भले ही उत्तराखण्ड सरकार और पर्यटन विभाग सूबें में आने वाले चारधाम यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न होने देने के लाख दावे करे और उनकी जान माल की सुरक्षा की गांरटी देनेे में कोई कमी न रखता हो लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अव्यवस्थाओं के बीच फंसे यात्री अब सरकार को पानी पीकृपी कर कोस रहे है।
एक तरफ राज्य की सड़कों की खस्ताहाली इन यात्रियों की कड़ी परीक्षा ले रही है वहीं दूसरी तरफ इन यात्रा मार्गो पर जनसुविधाओं का अभाव उन्हे परेशानी में डाले हुए है। जगहकृजगह भूस्खलन के कारण सड़कों पर मलबा आने से इन यात्रियों के हालात खराब है। अभी तीन से चार दिन तक गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गो के बाधित होने से हजारों यात्रियों की सांसे अटकी रही वहीं बद्रीनाथ धाम जाने वाले यात्री लामबगड़ में भूस्खलन के कारण पूरे एक सप्ताह तक मार्ग व विभिन्न पड़ावों पर फंसे रहे।
रूद्रप्रयाग के फाटा से हेली सेवा न मिलने के कारण बीते तीन चार दिनों से यहंा 60 से अधिक यात्री केदारनाथ जाने की बाट जोह रहे है। हैलीपेड पर खुले आसमान के नीचे रात दिन काट रहे यात्री जिनके पास न खाने की कोई व्यवस्था है और न पेयजेल, शौचालय आदि की सुविधा, परेशानी में फंसे हुए है। इन यात्रियों के हालात यह है कि वह इन अव्यवस्थाओं के लिए सरकार व प्रशासन को कोस रहे है। इनमें कई बच्चे और बूढ़े भी है। उनका कहना है कि महीनों पहले आन लाइन बुकिंग के बाद भी उन्हे हैलीकाप्टर नहीं मिल रहा है जिससे वह केदारनाथ पहुंच सकें। डीएम उत्तरकाशी को जब घटना का पता चला तो उन्होने कहा कि उन्होने हैलीकाप्टर कम्पनी को इसकी व्यवस्था करने के निर्देश दिये है।