देहरादून। संवाददाता। ग्रह मंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि एनआरसी देशभर में लागू की जानी चाहिए। क्योंकि वर्तमान में कई बांग्लादेशी देश में शरणागत हैं। जिनमें रोहिंगिया मुस्लमानों की संख्या अधिक है। यही वजह है कि बांग्लादेशी देशी लेखिका व वरिष्ठ पत्रकार तसलीमा नसरीन को अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिल सकी है। क्योंकि इस वक्त देश में कई बाग्लादेशी निवासरत हैं, हालांकि कुछ तो आजादी से पहले ही यहां आकर बस गए थे। मगर सरकार किसी को भी भारतीय नागरिकता की तब्बजों के मूड में नहीं है।
ऐसा ही एक चौकाने वाला मामला उत्तराखण्ड की सियासत में आ चुका है। जब नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने उधमसिंहनगर में रहने वाले बांगलादेशी लोगों की नागरिकता के लिए आवाज उठाई। उनका कहना था कि वह लोग आजादी से काफी पहले ही राज्य के तराई क्षेत्र में आकर बस चुके थे। ऐसे में उन्हें नागरिकता दी जानी चाहिए। मगर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बात के बिल्कुल समर्थन में नहीं है। हालांकि भट्ट अपना राजनैतिक खूंटा मजबूत करने के लिए इस बात की पैहरवी करने में जुटे हैं।