देहरादून। संवाददाता। पुलिस उपमहानिरीक्षक निदेशक यातायात केवल खुराना द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में घायलों व पीड़ितों की मदद हेतु निर्गत अधिसूचना के आधार पर राज्य के समस्त जनपदों को निर्देश जारी किये गये है।
जारी किये गये निर्देशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा अगर सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद की जाती है तो उक्त व्यक्ति से कोई भी प्रश्न नहीं पूछा जाएगा साथ ही ईनाम दिया जायेगा। जो भी व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेगा उक्त को फोन या व्यक्तिगत रूप से नामए पता पूछने पर बाघ्य नहीं किया जायेगा। उन लोकअधिकारियों के विरूद्व अनुशासनात्मक या विभागीय कार्यवाही की जाएगी जो किसी ऐसे व्यक्ति को यजो सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेगाद्ध अपना नाम व पता देने के लिये बाध्य करेगा। अगर कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को सार्वजनिक या निजी अस्पताल में भर्ती करवाता है तो ऐसे व्यक्ति से अस्पताल भुगतान की मांग नहीं करेगा।
सड़क दुर्घटनाओं से सबंधित किसी आपातकालीन परिस्थिति मेंएजिस समय डॉक्टर से चिकित्सीय देखभाल प्रदान किये जाने की आशा की जाती है अगर वह नहीं करता है तो उसके विरूद्व विनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले व्यक्ति को अस्पताल में नहीं रोका जायेगा और न ही उससे धन जमा कराने के लिए बाध्य किया जायेगा। सड़क दुर्घटना के दौरान अगर कोई व्यक्ति इसकी सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष अथवा पुलिस थाने में फोन कॉल करता है तो उसके नाम पता आदि नहीं पूछा जायेगा। किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा घटनास्थल पर पहुँचने पर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले किसी व्यक्ति को रिकार्ड फार्म या लॉग रजिस्टर में नाम पहचान या पता बताने के लिये बाध्य नहीं करेगा। कोई भी पुलिस अधिकारी या कोई अन्य व्यक्ति किसी घायल व्यक्ति की मदद करने वाले व्यक्ति को गवाह बनने के लिये बाध्य नहीं करेगा। किसी भी मामले में गवाह बनने का विकल्प केवल मदद करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करेगा।