देहरादून। संवाददाता। किडनी कांड में एक-एक कर कई बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि किडनी कांड का व्यपार दिल्ली की बड़ी पैथोलॉजी और अस्पतालों से जुड़े हुए थे। जांच में सामने आया है कि मास्टर माइंड अमित राऊत किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले डोनरों की जांच रोहिणी रोड स्थित एक नामी पैथोलॉजी में करवाता था।
किडनी निकालने के बाद इन्हें और किडनी लेने वालों को हैसियत के हिसाब से दिल्ली के कुछ नामी अस्पतालों में शिफ्ट करता था। पुलिस ने लैब और अस्पतालों से करीब 14 लोगों के रेकार्ड जुटाए हैं,
इनमें चार लोग ऐसे हैं जो दून से एंबुलेंस से दिल्ली के अस्पतालों में शिफ्ट किए गए थे। पुलिस इन लोगों की पहचान और इनके यहां पहुंचने की जानकारी जुटाई जा रही है।
दून के डोईवाला स्थित गंगोत्री चैरिटेबल हॉस्पिटल के एंबुलेंस के लॉग बुक की जांच में यह सभी तथ्य सामने आए।एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजकर इन तथ्यों की जांच कराई।
पता चला है कि मुंबई, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड में किडनी के काले कारोबार की जड़ें जमाने पहुंचे अमित राऊत ने दिल्ली को अपना ट्रांजिट प्वाइंट बनाया था।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि जांच टीम ने दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों व पैथोलॉजी से करीब 14-15 लोगों की जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज हासिल कर लिए हैं। इसमें किडनी देने और लेने वाले शामिल हैं।