देहरादून। संवाददाता। इस साल मार्च में एक बच्चे की पीट-पीटकर हत्या की वजह से सुर्खियों में आया ऋषिकेश का चिल्ड्रन होम अकेडमी स्कूल एक बार फिर ग़लत वजहों से चर्चा में है। शनिवार को इसी स्कूल में आठवीं क्लास के छात्र की बीमारी से मौत हो गई। इसके बाद यहां निरीक्षण के लिए पहुंची अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने यहां मानव तस्करी की आशंका जताई है. हालांकि शिक्षा सचिव ने नेगी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि सिर्फ़ उनके बोल देने भर से नहीं माना जा सकता कि मानव अंग तस्करी होती है। इस बीच ऊषा नेगी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
यह है मामला
बता दें कि शनिवार को स्कूल में बीमारी की वजह से मारा गया छात्र अभिषेक पंजाब के जालंधर का रहने वाला था। चिल्ड्रन होम अकेडमी में छात्र की मौत का पता चलने के बाद सोमवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ऋषिकेश पहुंची और स्कूल का निरीक्षण किया. वह इस निरीक्षण के बाद बेहद ख़फ़ा नज़र आईं और उन्होंने स्कूल में गर्ल्स हॉस्टल के पूछे कब्रिस्तान को देखकर मानव अंग तस्करी की आशंका जता दी। ऊषा नेगी तो यह तक कह दिया कि यहां निठारी कांड जैसा कुछ हो सकता है।
हमारे संवाददाता से बातचीत में ऊषा नेगी ने बताया कि उन्होंने स्कूल प्रबंधन से लेकर कर्मचारियों, अध्यापकों, हॉस्टल वार्डन और बच्चों से भी पूछताछ की। उन्हें बताया गया कि बीमार छात्र को स्कूल के छोटे से अस्पताल में नर्स की देखरेख में रखा गया। इस पर नेगी ने स्कूल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए पूछा दो दिन तक बीमार रहने के बावजूद उसे अस्पताल क्यों नहीं भेजा गया? स्कूल के अस्पताल में क्यों नहीं है? और नर्स को बच्चे के साथ एक्सपेरिमेंट करने की इजाज़त क्यों दी गई।
कब्रिस्तान क्यों?
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को स्कूल के हॉस्टल में और भी बच्चे-बच्चियां बीमार मिलीं, जिन्हें उन्होंने अस्पताल भिजवाया। ऊषा नेगी गर्ल्स हॉस्टल के पीछे बने कब्रिस्तान देखकर चौंक गईं और उन्होंने पूछा कि आखिर किसकी इजाज़त से स्कूल के अंदर कब्रिस्तान बनाया गया है। स्कूल में कब्रिस्तान की क्या ज़रूरत थी।
उन्होंने कहा कि कब्रिस्तान को देख कर लग रहा है कि स्कूल में कोई बड़ा घोटाला चल रहा है. नेगी ने मानव अंगों की भी तस्करी का संदेह जताते हुए कहा कि यह देखकर कुछ-कुछ निठारी कांड जैसा महसूस हो रहा है। अब इन सभी मुद्दों पर अब जांच होगी।