चिल्ड्रन्स होम अकेडमी में बने कब्रिस्तान की होगी जांच

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देहरादून। संवाददाता। स्कूल विद्या का मंदिर होता है और छात्र-छात्राएं भविष्य की नींव, लेकिन जब स्कूल ही कब्रगाह बनता जाए तो फिर उस पर सवाल उठने लाज़मी हैं। इन्हीं वजहों से सवाल उठ रहे हैं ऋषिकेश के भोगपुर स्थित चिल्ड्रन्स होम अकेडमी पर. इस स्कूल के हॉस्टल में 6 महीने में दो बच्चों की मौत हो गई और फिर पता चला कि स्कूल में ही एक कब्रिस्तान है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने स्कूल का दौरा कर कब्रिस्तान को लेकर सवाल उठाए तो पुलिस हरकत में आई और अब इस मामले की जांच शुरु की जा रही है। इसके साथ ही कब्रिस्तान को बंद भी कर दिया गया है।

छह महीने में दूसरी मौत

बता दें कि 20 सितंबर को पंजाब के जालंधर के निवासी एक छात्र की स्कूल के हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। इस बारे में पता चलने के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने स्कूल का दौरा किया और निरीक्षण के बाद बेहद ख़फ़ा नज़र आईं। उन्होंने स्कूल में गर्ल्स हॉस्टल के पूछे कब्रिस्तान को देखकर मानव अंग तस्करी तक की आशंका जता दी. ऊषा नेगी तो यह तक कह दिया कि यहां निठारी कांड जैसा कुछ हो सकता है.

यह भी बता दें कि मार्च में इसी स्कूल में एक बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी जिसके बाद सीबीएसई ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी लेकिन मैनेजमेंट ने किसी और बोर्ड से मान्यता लेकर स्कूल का संचालन जारी रखा।

स्थानीय निवासियों की शिकायत

ख़ास बात यह है कि शनिवार को जिस छात्र की मौत हुई उसके बारे में स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन को जानकारी ही नहीं दी थी। स्थानीय निवासियों ने इस बारे में प्रशासन को बताया तो बच्चे की मौत की बात खुली। और चिल्ड्रन्स होम अकेडमी प्रबंधन स्कूल में किसी भी स्थानीय निवासी को घुसने तक नहीं देता।

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