देहरादून। प्रदेश में मानसून भले ही विदा होने वाला है, लेकिन अभी भी बारिश का दौर जारी है। देहरादून में शुक्रवार तड़के हुए बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। बारिश के कारण कई कालोनियों में जलभराव हो गया, जिससे लोगों परेशानी हो रही है। वहीं क्लेमेंटटाऊन क्षेत्र में बारिश के कारण कई घरों में काफी नुकसान भी हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार, आशारोड़ी क्षेत्र में बादल फटने की भी सूचना है।
वहीं, मौसम विभाग ने प्रदेश के आठ जिलों में शनिवार को भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। साथ ही भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़ का अंदेशा जताते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश भी जारी किए हैं।
इन जिलों में अलर्ट
मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार आज प्रदेश के नैनीताल, पौड़ी, चमोली व पिथौरागढ़ के कई इलाकों में बारिश होने के आसार हैं। वहीं, शनिवार 28 सितंबर को रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
इसके अलावा देहरादून, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल के क्षेत्रों में भी भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार भारी से बहुत भारी बारिश से पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में एकाएक बाढ़ आ सकती है। इसको लेकर स्थानीय लोगों से सर्तक रहने को कहा गया है। साथ ही प्रशासन को एहतियाती सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
कैलाश यात्रा मार्ग बंद
जयकोट और पांगला के बीच पहाड़ी टूटने से सड़क निर्माण में लगे एक मजदूर की मौत हो गई। पहाड़ी से बड़ी तादाद में बोल्डर-मलबा गिरने से कैलाश यात्रा मार्ग बंद हो गया है। बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे जयकोट के गस्कू तोक और पांगला के बीच घोपटापानी पर एकाएक पहाड़ी दरक गई। बोल्डरों की चपेट में आने से पांगला निवासी दलीप सिंह (52 ) पुत्र प्रताप सिंह नदी में छिटक गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना पर सोसा से राजस्व टीम और पांगला थाने से एसओ नरेंद्र सिंह जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। धारचूला से घटनास्थल गई एसडीआरएफ की टीम ने शव को निकालकर धारचूला पहुंचाया। शव का धारचूला में ही पोस्टमार्टम किया जाएगा। मृतक मजदूर की दो बेटियां और एक बेटा है।
दलीप सिंह की मजदूरी से ही परिवार का भरण पोषण होता था। परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत से परिजन गहरे सदमे में हैं। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर पहाड़ी से बोल्डर गिरे वहां से कुछ ही मिनट पहले यात्रियों से भरी एक जीप गुजरी थी। यदि जीप के गुजरने में थोड़ी सी भी देरी हुई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पहाड़ी से भारी मलबा गिरने से देर शाम तक कैलाश यात्रा मार्ग नहीं खुला था।