सड़क पर छोड़े गौवंशीय पशु तो वन विभाग करेगा कार्यवाही

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देहरादून। संवाददाता। सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे निजात दिलाने के लिए वन विभाग अब ऐसे लोगों पर कार्यवाही शुरू करने जा रहा है जो दूध निकाले जाने के बाद गायों और बछड़ों को सड़कों पर छोड़ देते है।

इस आशय की जानकारी प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने बताया कि आवारा पशुओं को सड़कों पर घूमने से यातायात तो बाधित होता ही है। साथ ही इनके कारण दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बनी रहती है। आवारा पशुओं का लावारिस घूमना खतरे का संकेत हैं। सड़कों पर घूमने वाले यह पशु खाने की तलाश में कूड़े़ के ढेरों से विषाक्त वस्तुएं व पालीथीन तक को खा जाते है। जिनके कारण उनकी मौत तक हो जाती है तथा कई बार वह खुद भी दुर्घटना के कारण घायल हो जाते है।

उन्होने पशु पालकों से अपील की है कि वह अपने पशुओं को इस तरह सडकों पर न छोड़े, साथ ही उन्होने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अधिकांश पशुपालकों ने यह आदत बना रखी है कि वह सुबह शाम इन गायों से दूध दुहने के बाद उन्हे खुला छोड़ देते है और घर पर उन्हे पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं दिया जाता है जिससे वह शहर की सड़कों पर घूमते रहते है। उन्होने कहा कि दून सहित सभी शहरों की सड़कों पर इन आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या बन चुकी है। जिससे निपटने के लिए वन विभाग अब उन लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने जा रहा है। जो अपनी गाय व बछड़ों को सड़कों पर आवारा छोड़ देते है। उन्होने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि दून में सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे है जो गंदगी भी फैला रहे है।

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