देहरादून। संवाददाता। ऑप्टिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के 43वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आईसीओएल’ का शुभारंभ एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ.सतीश कुमार ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में ऑप्टिक्स और फोटोनिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर फोटोनिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की असीम संभावनाएं बताते हुए कहा कि यह सदी फोटोनिक्स की ही है। यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान आईआरडीई देहरादून में प्रकाशिकी एवं विद्युत प्रकाशिकी (आईसीओएल) विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक डॉ.सतीश कुमार ने कहा कि फोटोनिक्स के महत्व को समझते हुए देश में डीआरडीओ सहित अन्य संस्थान काम कर रहे हैं। डीआरडीओ ने निगरानी, फायर नियंत्रण, लेजर, एवं आईआर गाइडेंस, नेविगेशन कंप्यूटिंग, सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिए सुरक्षित नेटवर्किंग विकसित की है।
साथ ही निगरानी और विभिन्न हथियार प्रणालियों, लेजर सीकर्स, लेजर रेंज फाइंडर्स आदि के जरिये सुरक्षा बलों की ताकत बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने छात्रों, शोधार्थियों, शिक्षाविदों व उद्योगों से इस क्षेत्र में आगे आकर देश के लिए मूल्यवान संपत्ति बनने का आह्वान किया। आईआरडीई के निदेकश बेंजमिन लयनल ने सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत कर फोटोनिक्स के क्षेत्र में संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान निदेशक डॉ.सतीश कुमार ने आईआरडीई के साथ देश-विदेश के अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा तैयार रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर पूर्व निदेशक आईआरडीई डॉ.एसएस नेगी, डॉ.एके गुप्ता, प्रो.अनुराग शर्मा, प्रो.केहर सिंह, जीएम शरद कुमार, डॉ.सीएस राव, प्रो.एमडे, सह निदेशक पुनीत वशिष्ठ, अमिताव घोष, सुशीर खरे आदि रहे।
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