देहरादून। संवाददाता। बेसिक-माध्यमिक स्कूलों की तर्ज पर कम छात्र संख्या वाले डिग्री कॉलेज भी बंद किए जा सकते हैं। सरकार 200 से कम छात्र संख्या वाले सरकारी डिग्री कॉलेजों का निकटवर्ती कॉलेज में विलय करने की तैयारी कर रही है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्धन ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. एससी पंत से छात्र संख्या के आधार पर कॉलेजों का ब्योरा मांगा है। निदेशक को कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों की रिपोर्ट के लिए 20 दिन का वक्त दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, राज्य में बीस कॉलेज ऐसे हैं जिनमें छात्र संख्या दो सौ से कम है। इनमें भी छह ऐसे हैं, जहां छात्र संख्या 100 से भी कम हैं। जबकि 14 कॉलेजों में छात्र संख्या पिछले कई साल से 200 तक भी नहीं पहुंच पाई है।
सूत्रों के अनुसार, कॉलेजों के विलय का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। मालूम हो कि इसी फार्मूले के तहत सरकार 300 से ज्यादा बेसिक-माध्यमिक स्कूलों का विलय कर चुकी है। इसलिए जरूरी राज्य में वर्तमान में सरकारी डिग्री कॉलेजों की संख्या 104 है। राज्य गठन के वक्त करीब 30 डिग्री कॉलेज थे। राज्य गठन के बाद इनकी बाढ़ सी आ गई।
कुछ नये कॉलेज वास्तविक जरूरत के अनुसार बनाए गए जबकि कई सिर्फ राजनीतिक नफे-नुकसान के आधार पर बनाए गए। हालात यह है कि ज्यादातर कॉलेजों की स्थिति खराब है। कई कॉलेज प्राइमरी स्कूलों और कई किराये के कमरों में चल रहे हैं। इससे न तो उच्च शिक्षा का लक्ष्य हासिल हो रहा है और सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।