देहरादून (संवाददाता) : पंचायती राज व विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय से विधानसभा स्थित उनके कक्ष में ग्राम प्रधान संगठन उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर अपना 3 सूत्रीय मांग पत्र दिया। इस दौरान पंचायती राज मंत्री अरविन्द पांडेय के संगठन की मांगों पर एक माह में समाधान करने का भरोसा दिलाया। इस आश्वासन पर संगठन ने अपना आन्दोलन वापस लिया गया। उन्होंने ग्राम प्रधान संगठन द्वारा दिये गये ज्ञापन पर प्रमुख सचिव पंचायती राज को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये, साथ ही अपर सचिव पंचायती राज हरीश चन्द्र सेमवाल को इन बिन्दुओं पर व्यक्तिगत रूप से मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये। आन्दोलन की राह पर चलने वाले ग्राम प्रधान संगठन ने कहा है कि पंचायती राज मंत्री ने संगठन को इस बात का पूरा भरोसा दिलाया है कि एक माह के भीतर तीनों मांगों को मान लिया जाएगा और ग्राम प्रधानों को अब आंदोलन की राह नहीं पकडऩी पड़ेगी।
पंचायतीराज मंत्री के आश्वासन पर प्रधान संगठन का आमरण अनशन स्थगित; एक माह के भीतर मांगों का निस्तारण करने का भरोसा
इधर, उत्तरांचल प्रेस क्लब में मीडिया को जानकारी देते हुए ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष गिरवीर सिंह परमार ने बताया कि आज ही कई ग्राम प्रधान विधानसभा में जाकर पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे से मिले थे और संगठन की तीनों मांगों को पूरा करने का आश्वासन उन्हें दिया गया। आश्वासन मिलने के बाद ही ग्राम प्रधान संगठन ने तीन माह के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।
परमार ने बताया कि संगठन की बहुप्रतीक्षित तीन मांगे हैं जिनमें क्रमश: राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत ग्राम पंचायत को आवंटित होने वाली धनराशि में की गयी कटौती को सरकार द्वारा वापस लेना, उत्तराखण्ड पंचायती राज एक्ट 2016 को क्रियान्वित कराया जाना, ग्राम पंचायत प्रधान पद का मानदेय सम्मानजनक न्यूनतम 5 हजार रूपये प्रतिमाह सुनिश्चित किया जाना शामिल है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक एक माह में उनकी तीनों मांगों को पूर्ण नहीं किया तो प्रधान संगठन सरकार को दो माह और का समय देगा, उसके बाद आन्दोलन पुन: प्रारंभ करने को विवश होना पड़ेगा।