देहरादून। आयुर्वेदिक कॉलेजों में बढ़ी फीस विद्यार्थियों को वापस दिए जाने को लेकर सरकार फिलहाल पसोपेश में नजर आ रही है। सरकार ने कॉलेजों को फीस वापसी के लिए एक माह का समय दिया और ऐसा न करने पर संबद्धता समाप्त करने की चेतावनी दी है। सदन में आयुष शिक्षा मंत्री ने यह तर्क पेश किया कि इन कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने से पहले वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों और कर्मचारियों के संबंध में भी सोचने की जरूरत है।
सदन में निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने आयुर्वेदिक कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की फीस वृद्धि का मसला उठाया। उन्होंने पूछा कॉलेजों द्वारा बढ़े हुए शुल्क को वापस लौटाने के लिए सरकार क्या कर रही है। इसका जवाब देते हुए आयुष शिक्षा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट के निर्देशानुसार सरकार ने विश्वविद्यालय से संबंधित सभी कालेजों बढ़ी हुई फीस लौटाने के संबंध में नोटिस जारी किया है। यह कहा गया है कि यदि एक माह के भीतर फीस वापस करने के निर्णय का अनुपालन न किया गया तो उनकी संबद्धता रद कर दी जाएगी।
इस पर भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि आयुर्वेद कॉलेज इन आदेशों को नहीं मान रहे हैं, ऐसे में व्यवस्था कैसे चलेगी। विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि एक माह का अवधि समाप्त हो चुकी है सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
इस पर आयुष मंत्री ने कहा कि यदि कोर्ट के निर्णय का पालन नहीं होगा तो सरकार निश्चित रूप से संबद्धता समाप्त करेगी। हालांकि यह भी सोचना होगा कि इसके बाद बच्चों और कर्मचारियों के भविष्य का क्या होगा। इस मामले में सरकार अपना काम करेगी।