विधान सभाध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल निजी तौर पर गैरसैंण के पक्षधर, गैरसैंण उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावना का प्रतीक है, उन्होंने कहा गैरसैंण को लेकर उनकी मंशा साफ है तभी तो 15 अगस्त को ध्वजारोहण गैरसैंण में ही किया.
देहरादून (संवाददाता) : विधान सभाध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने बताया कि नवंबर के अंतिम हफ्ते या फिर दिसंबर के पहले हफ्ते में विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या सत्र गैरसैंण में आयोजित होगा तो उन्होंने कहा कि अभी यह तय नहीं किया गया है कि सत्र गैरसैंण में होगा या देहरादून में और अभी तिथियां भी निश्चित नहीं हुई हैं। उधर प्रदेश शासन के सूत्रों की मानें तो आगामी बुधवार को संभावित कैबिनेट बैठक में शीतकालीन विस सत्र को लेकर फैसला लिया जा सकता है।
विधान सभाध्यक्ष श्री अग्रवाल ने कहा की वे निजी तौर पर में राजधानी के पक्षधर हैं, उन्होंने कहा गैरसैंण उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावना का प्रतीक है, उन्होंने कहा गैरसैंण को लेकर उनकी मंशा साफ है तभी तो 15 अगस्त को ध्वजारोहण गैरसैंण में ही किया.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की तर्ज पर ही मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल का कहना है कि उनकी निजी राय है कि गैरसैंण में प्रदेश की स्थायी राजधानी बननी चाहिए। उनका कहना है कि गैरसैंण उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन की भावना का प्रतीक रहा है, यह सभी जानते हैं।
सोमवार को नव निर्वाचित विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में प्रेम चंद अग्रवाल ने यह बात कही। हालांकि जब विस अध्यक्ष से पूछा गया कि गैरसैंण में विधानसभा का सत्र क्यों नहीं आयोजित किया गया तो प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि दरअसल उस वक्त चार धाम यात्रा अपने चरम पर थी। अगर गैरसैंण में सत्र आयोजित होता तो वहां के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को विस सत्र के इंतजाम में जुटना पड़ता जिससे चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर असर पड़ता।
इस बार चारधाम यात्रा में काफी अच्छी संख्या में यानी 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आये। उन्होंने गैरसैंण को लेकर उनकी मंशा साफ है। तभी तो 15 अगस्त को ध्वजारोहण गैरसैंण स्थित विधानसभा में ही किया गया।प्रेम चंद अग्रवाल ने बताया कि गैरसैंण में निर्माण कार्य के लिए जितना धन आवंटित हुआ था, उससे निर्माण कार्य हो चुका है। जव उनसे पूछा गया कि क्या रायपुर में नया विधानसभा परिसर बनेगा तो उन्होंने कहा कि यह कार्य विस के नहीं राज्य संपत्ति विभाग के जिम्मे है। इसके बारे में राज्य संपत्ति विभाग की कुछ बता सकता है।
भराड़ीसैंण में बनेगा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
भराड़ीसैंण में डेढ़ करोड़ रुपये से कम कीमत का एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिइब्यूनल (एनजीटी) के भराड़ीसैंण स्थित विस भवन से जुड़े पर्यावरणीय सवाल उठाए जाने के मसले पर विस के सचिव जगदीश चंद्र ने बताया कि विधानसभा व प्रदेश सरकार ने एनजीटी को अपना स्पष्टीकरण दे दिया है। एनजीटी ने वहां की फ्लोटिंग पॉपुलेशन को देखते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत बताई थी। एनजीटी के सुझाव को ही मानते हुए वहां डेढ़ करोड़ रुपये से कम कीमत का एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा।