देहरादून। संवाददाता। देवभूमि की शांत आवो-हवा को जैसे किसी की नजर सी लग गई हो। पिछले कुछ महीनों से पहाड़ से लेकर दून तक कई मामलें सामने आ चुके हैं, जिन्होंने जनता का दिल दहला दिया। हाल ही में पौड़ी में बच्चियों के साथ कुकर्म की बात सामने आई। जिसमें समुदाय विशेष का हाथ होना बताया गया।
मामलें में स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल किया, इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके कुछ दिन बाद फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया। फिर धर्म, सांप्रदायिकता को ठेस पहुंचायी गई।
हाल ही में दून के रायवाला में एक युवक की हत्या की गई, मामलें को प्रेम प्रसंग का हवाला दिया गया, मगर इस कदर निर्मम हत्या करना भी उचित नहीं है।
वहीं दून के विकासनगर, डाकपत्थर में कई लव जेहाद के मामलें सामने आ रहे हैं, वहीं 23 अक्टूबर, सोमवार को प्रेमनगर, झाझरा पुलिस चैकी में भी एक मामला प्रकाश में आया है।
जिसमें आमिर खान और उसकी मां हरजाना निवासी मांडूवाला को नामजद किया गया है। 22 अक्टूबर को लवजेहाद के एक अन्य मामले में पुलिस ने विकासनगर निवासी एक युवक को गिरफ्तार किया था।
वहीं कुमांऊ मण्डल के तराई क्षेत्र में भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे मामलों को तूल देना पुलिस के लिए भी सिरदर्द होता है। इसलिए इन्हें तुंरत निपटाकर आरोपी को जेल भेज दिया जाता है।
मगर सवाल ये उठता है कि प्रेम अपनी जगह मगर दूसरे धर्म की युवतियों को नाम बदल प्रेम में फसाना मजहब से परे हैं। इसलिए इस तरह के मामलों को लवजेहाद का नाम दिया गया।
जरूरत है ऐसे जेहादियों के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाई जाए। किसी तरह हिंसा करने से कोई समाधान नहीं निकलने वाला। जागरूकता का हथियार ही ऐसा कवच सुरक्षा कवच है। जिससें धर्म रक्षक अपने लोगों की पगड़ी उछलने का बचाव कर सकें।