रुद्रपुर। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि इस समय स्कूल बंद हैं। इसके बावजूद कुछ स्कूल बस, कंप्यूटर, एसी आदि के नाम पर अवैध तरीके से फीस ले रहे हैं। जो स्कूल वूसली व लाभ के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे स्कूलों की मान्यता रद होगी। यहीं नहीं, अवैध तरीके से फीस वसूलने जैसे भष्ट्राचार पर अंकुश न लगाने वाले जिम्मेदार अफसर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इसके लिए उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सभी जिलाधिकारियों व मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री पांडेय ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कहा कि इस समय सरकार कोरोना वायरस की महामारी से संघर्ष कर रही है। सरकार की मंशा आम आदमी को राहत देने की है। विद्वालयी शिक्षा प्रदेश की जनता के साथ है। यह संज्ञान में आया है कि कुछ प्राईवेट स्कूल अभिभावकों पर अवैध तरीके से फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। अवैध फीस लेने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी शुल्क न लिया जाए। कहा कि स्कूल खुलने के बाद फीस एक साथ जमा न कर किस्तो में ली जाए। जो अभिभावक फीस देने में सक्षम है, वह फीस जमा कर सकते है। किसी स्कूल की शिकायत हो तो सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे अवगत कराएं। जिससे उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी स्कूलों में सिर्फ एनसीईआरटी की ही किताबें ही मान्य होंगी। इसके अलावा कोई पाठ्यक्रम की किताबें मान्य नहीं होगी। कहा कि कुछ निजी स्कूल हैं। निजी स्कूलों ने दिल्ली से चार सप्ताह का कोर्स कम कर दिया है। यह भी संज्ञान में आया है कि कुछ निजी स्कूल प्राइवेट लेखकों की किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों पर थोप रहे हैं, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर डीएम डाक्टर नीरज खैरवाल, एसएसपी बरिंदरजीत सिंह, सीडीओ मयूर दीक्षित, एडीएम जगदीश चंद्र कांडपाल, उत्तम सिंह चैहान,सीईओ आरसी आर्या, डीईओ एके सिंह, बीईओ डाक्टर गूंजन अमरोही आदि मौजूद थे।