देहरादून। 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के द्वितीय सत्र में ‘नारकोटिक्स: एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण’ पर हुई चर्चा में महेश कुमार अग्रवाल एडीजीपी क्राइम एंड इन्फॉर्मेशमेंट चेन्नई ने नारकोटिक्स एवं ड्रग्स पैडलर्स के नेटवर्क एवं उन पर की गयी कार्यवाही के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
उन्होंने कहा कि ड्रग्स की मांग में कमी लाकर सप्लाई को कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि सभी हितधारकों को ड्रग्स के विरूद्ध अभियान में एक मंच पर आकर विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है।
ड्रग्स पैडर्ल्स पर रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाने की जरूरत
एसडी जम्बोदकर आईआरएस ने ड्रग्स ट्रैफिकिंग पर बताया कि ड्रग्स तस्कर विभिन्न नए तरीकों जैसे सोशल मीडिया, ड्रोन, डार्क वेब, कोरियर सर्विस का उपयोग कर नेटवर्क को बढ़ रहे हैं। ड्रग्स पैडर्ल्स पर प्रभावी रोकथाम के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने NCB द्वारा डार्क नेट पर की गयी कार्यवाही को विस्तारपूर्वक बताया।
ड्रग के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही पर जोर
डा. बुल्लेह एमानुअल ने नार्को आतंकी से प्रभावित क्षेत्रों के बारे में बताते हुए इस ओर की गयी प्रभावी कार्यवाही के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने विश्व एवं राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स के व्यापार पर डेटा के माध्यम से अपने विचार रखे। ड्रग्स के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के लिए प्रशिक्षण, जागरूकता, कार्रवाई और काउंसलिंग पर जोर दिया।