प्रधानमंत्री ने कहा नीतियां जन भागीदारी से ही सफल होती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले सिविल सर्विसेज का काम ब्रिटिश राज के संरक्षण का था लेकिन अब इनका उद्देश्य जनता की समृद्धि और कल्याण है। उन्होंने कहा कि अगर लोक सेवक (सिविल सव्रेट) इन उद्देश्यों को आत्मसात कर लें तो सरकारी मशीनरी और जनता के बीच का अंतर समाप्त किया जा सकता है।
देहरादून (संवाददाता) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों से जनता की बेहतर सेवा के लिए किताबों से निकलकर बाहर देखने और जनता से जुड़ने की क्षमता विकसित करने को कहा। अकादमी में 92वें फाउंडेशन कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण के बाद अपनी जिंदगी के लिए तैयार होने के टिप्स देते हुए मोदी ने कहा कि किताबों से सीखना अच्छी बात है, लेकिन उन्हें अपने आसपास के उन लोगों के प्रति सजग और सचेत रहना चाहिए, जिनकी उन्हें सेवा करनी है। उन्होंने कहा कि किताबों की सीख उन्हें निश्चित रूप से भटकने और गलत पथ पर जाने से बचाएगी लेकिन अपनी टीम और लोगों से जुड़ाव और तालमेल स्थापित करने से ही उन्हें अधिकारी के रूप में सफल होने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा नीतियां जन भागीदारी से ही सफल होती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले सिविल सर्विसेज का काम ब्रिटिश राज के संरक्षण का था लेकिन अब इनका उद्देश्य जनता की समृद्धि और कल्याण है। उन्होंने कहा कि अगर लोक सेवक (सिविल सव्रेट) इन उद्देश्यों को आत्मसात कर लें तो सरकारी मशीनरी और जनता के बीच का अंतर समाप्त किया जा सकता है। बृहस्पतिवार शाम प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्र में गाए गए भक्ति गीत ‘‘वैष्णव जन’ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को वैष्णव जन को सिविल सर्वेंट शब्द से बदलने के बाद इस गीत पर विचार करना चाहिए। गुमनामी को सिविल सर्वेंट की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए मोदी ने सिविल सर्विसेज की तुलना अशोक स्तंभ के चौथे शेर से की, जो हमेशा अदृश्य रहता है फिर भी अपनी उपस्थिति हर समय महसूस कराता रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यात्रा एक महान भारतीय परंपरा है और यात्रा करना और लोगों से बातचीत करना सीखने का एक बड़ा अनुभव है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से अपनी पोस्टिंग के दौरान क्षेत्रों का दौरा करने को कहा। प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मैं सिविल सेवा में क्यों आया सहित कई विषयों पर लिखे निबंधों का प्रस्तुतिकरण किया गया। प्रशिक्षु अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन पर भी अपने विचारों का प्रस्तुतिकरण किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने अकादमी के लॉन में प्रशिक्षु अधिकारियों और स्कूली बच्चों के साथ योग किया। मोदी ने छात्रावास की नई इमारत और 200 मीटर लंबे बहुआयामी सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का भी शिलान्यास किया।