तीन माह से वेतने नहीं मिलने पर विरोध में उतरे अशासकीय शिक्षक और कर्मचारी

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देहरादून। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारियों को तीन महीने से वेतने नहीं मिला है, जिससे वे बेहद आक्रोशित है। शिक्षक और कर्मचारी संघ ने विभाग से दीपावली से पहले वेतन जारी करने की मांग की थी, लेकिन अब तक वेतन जारी नहीं हो सका है। इसके विरोध में शिक्षकों ने बुधवार को अपने-अपने स्कूलों में कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया। 

उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ देहरादून ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार का एलान किया, जिसके तहत दून के सभी सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षकों ने पूरी तरह से कार्य बहिष्कार किया। बुधवार को माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन और कक्षा में शिक्षण बंद रहा। शिक्षकों ने अपने स्कूलों में धरना प्रदर्शन कर सरकार से तत्काल वेतन जारी करने की मांग की। कार्य बहिष्कार में देहरादून नगर क्षेत्र, विकासनगर, मसूरी, डोईवाला और ऋषिकेश क्षेत्र के समस्त विद्यालयों में शिक्षण कार्य ठप रहा। संघ के जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण तथा जिला मंत्री अनिल नौटियाल के नेतृत्व में जिला कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन भी प्रेषित किया।

डोईवाला में भी शिक्षकों का कार्य बहिष्कार 

डोईवाला में भी शिक्षकों ने एक दिन का कार्य बहिष्कार किया। पब्लिक इंटर कालेज डोईवाला के उतराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने वेतन न मिलने की चली आ रही समस्या को लेकरकार्य बहिष्कार किया। इकाई अध्यक्ष डीएस कंडारी ने बताया कि कोरोना काल में अशासकीय विद्यालयों के शिक्षक सभी कार्यों को कर रहे है। अब चाहे वो मिड डे मील का वितरण हो या कवारंटाइन सेंटर में ड्यूटी। वर्तमान में बोर्ड संबंधी कार्यों के अलावा शिक्षण कार्य भी किया जा रहा है। उसके बावजूद उन्हे तीन माह वेतन का इंतजार करना पड़ रहा है। संघ के मंत्री अश्विनी गुप्ता ने कहा कि दीपावली पर्व पर वेतन के न मिलने से शिक्षक और कर्मचारी कैसे त्यौहार मनाए। बहिष्कार के दौरान सभी शिक्षक कार्य से विरक्त रहे और कार्यालय संबंधी कार्य नहीं किया गया। बहिष्कार में शिक्षक जेपी चमोली, अनीता पाल, ओमप्रकाश काला,रतनेश द्विवेदी, विवेक बधानी, भुवनेश वर्मा, मदन थपलियाल, वेद प्रकाश धीमान, रोशन लाल आदि शामिल थे।

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