बाल आयोग ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा

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कोरोना संकटकाल में समय पर फीस न दे पाने के कारण राजधानी के एक जाने-माने स्कूल ने तीन छात्रों को निष्कासित कर दिया. मामले में बाल आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है.

राजधानी देहरादून के एक जाने-माने स्कूल ने अपने तीन छात्रों को इस वजह से स्कूल से निष्कासित कर दिया क्योंकि उनके अभिभावक कोरोना संकटकाल में समय पर बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं कर पाए. मामले में बाल आयोग ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ बच्चों के अभिभावक द्वारा दी गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करने को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है.

पत्र में 15 दिन के भीतर आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा गया है. इस पूरे प्रकरण को लेकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से गहरी नाराजगी जताई गई है. उनके मुताबिक समय पर फीस जमा न किए जाने की स्थिति में तीनों बच्चों को स्कूल से निष्कासित किया जाना बेहद ही गलत निर्णय है. यह सीधे तौर पर बच्चों का मानसिक उत्पीड़न है. ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई जरूर की जानी चाहिए.

यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार किसी भी छात्र की फीस जमा न होने की स्थिति में उसे कक्षा या फिर स्कूल से निष्कासित नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल आयोग के फरवरी 2018 में जारी पत्र के तहत भी फीस संबंधी मामला स्कूल प्रबंधन और अभिभावक के बीच का मामला है. ऐसे में फीस ना दिए जाने पर छात्रों का मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जा सकता.

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