देहरादून। संवाददाता। इस वक्त देश में राम मंदिर को लेकर सनातन धर्मी प्रचण्ड उद्घोष में व्यस्त हैं। वहीं देवभूमि स्थित दून की स्थिति बिल्कुल उलट है। प्रशासनिक अम्लें की ओर से शासनादेश जारी होने के बाद भी शहर के कुछ स्थानों पर मंदिर के पास ही मीट और मच्छी बेची जा रही है। जबकी नियम अनुसार मंदिर के आस-पास सौ मीटर के दायरे में मांस बिक्री पर रोक का प्रावधान है। इसके बावजूद भी पुलिस कुछ करती नहीं दिख रही है। वहीं शासन भी चुप्पी साधे बैठा दिख रहा है।
बता दे कि कुछ समय पहले सीएमओं दून की ओर से जीओं जारी हुआ था। जिसमें साफ निहित है, कि दून शहर के भीतर मंदिरों के पास सौ मीटर दायरे में किसी भी तरह की मांस बिक्री नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
इतना सख्त नियम होने के बावजूद भी उनकी धज्जियां उड़ाई जा रही है। उत्तराखण्ड रिपोर्ट ने ऐसी दुकानों की पड़ताल की है, इनमें सबसे पहले आराघर मंदिर के पास की दुकान है, जो सौ मीटर दायरे में पड़ती है। दिलाराम बाजार गेट के बाहर भी ऐसा दृश्य सभी दूनवासी देख सकते हैं।
यहां भी मंदिर के पास ही मीट बेचा जा रहा है, जो नियम विरूद्ध है। तीसरा स्थान है जैन मंदिर रामा मार्केट के पास यहां भी नियम का उल्लंघन कर मंास बेचा जा रहा है। वाके ही बड़ा ही सोचनीय विषय है। जिस देश में हम रहते हैं, वहीं सबसे अधिक संख्या वाले सनातन धर्मियों के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
बात तब ज्यादा जटिल हो जाती है, जब ऐसा हाल देवभूमि के भीतर देखने को मिलें। ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन की सबसे बड़ी गलती है, जो इनकों बंद नहीं करवाती है। वहीं प्रशासन ने अभी तक इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। नगर निगम भी चुप्पी साधे बैठा है,
स्वास्थ विभग ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। हिंदू धर्म की अगुवाई करने वाले शिव सेना, बजरंग दल सहित आरएसएस भी अभी मौन की स्थिति में ही दिख रहे हैं।