देहरादून।संवाददाता। गढ़वाल विश्वविद्यालय की स्थापना का आंदोलन रहा हो या फिर उत्तराखंड राज्य निर्माण का आंदोलन, सभी में सक्रिय भूमिका निभाने वाले 86 वर्षीय राज्य आंदोलनकारी पृथ्वीचंद रमोला ने चेतावनी दी कि वह राज्य स्थापना दिवस के मौके पर दून में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाकर आत्मदाह करेंगे। उनकी इस चेतावनी पर ऋषिकेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और दिनभर कोतवाली में बैठाए रखा।
ग्राम मैनेगी रैका पट्टी प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल निवासी पृथ्वीचंद रमोला (86) पुराना रोडवेज बस अड्डे के निकट एक गेस्ट हाउस में ठहरे थे। उन्होंने टिहरी पुलिस को फोन पर बताया था कि वह दून जा रहे हैं और मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाकर आत्मदाह करेंगे। जिस पर टिहरी पुलिस ने ऋषिकेश पुलिस से संपर्क साधा और यहां कोतवाली पुलिस ने उन्हें बुधवार रात हिरासत में ले लिया।
हालांकि बुजुर्ग को कोतवाली में मेहमान की तरह रखा। बुजुर्ग आंदोलनकारी बताते हैं वह लंबे समय से गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं, इसे लेकर उन्होंने दून में अनशन भी किया। कहा कि डोबराचांटी पुल के निर्माण में दो सौ करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं।
शेष निर्माण के लिए केंद्र सरकार धन आवंटित नहीं कर रही है। हमारी यह भी मांग है कि नैनीताल हाईकोर्ट की एक बैंच गढ़वाल में भी खुलनी चाहिए। लेकिन सरकार मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि बुजुर्ग को ससम्मान कोतवाली में रखा गया।