मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना जारी रहेगी; मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश कहा-मरीजों को दिया जाए इलाज, खर्च सरकार वहन करेगी।

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मुख्यमंत्री ने योजना को संचालित कर रही बीमा कम्पनी पर कानूनी कार्यवाही व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि योजना के तहत कोई भी अस्पताल मरीजों का इलाज न रोके, जो भी खर्च होगा प्रदेश सरकार उसे वहन करेगी।

देहरादून (संवाददाता) : प्रशासन की कार्यप्रणाली के चलते मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अचानक बंद होने से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नाराज  हैं। उन्होंने योजना को संचालित कर रही बीमा कम्पनी पर कानूनी कार्यवाही व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि योजना के तहत कोई भी अस्पताल मरीजों का इलाज न रोके, जो भी खर्च होगा प्रदेश सरकार उसे वहन करेगी।

शुक्रवार को राष्ट्रीय सहारा ने मुख्यमंत्री स्वास्य बीमा योजना के बंद होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।इसके दो दिन बाद मुख्यमंत्री ने इस योजना के जारी रहने का ऐलान किया है। प्रदेश में एमएसबीवाई योजना का संचालन निजी बीमा कम्पनी बजाज एलियांज की ओर से किया जा रहा था। कम्पनी का अनुबंध विगत दिनों समाप्त हो गया था, लेकिन एक अगस्त से 30 अक्टूबर तक कम्पनी को विस्तार दिया गया। कम्पनी को सरकार की ओर से क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद कम्पनी की ओर से आठ नवम्बर तक योजना को संचालित रखा गया, उसका भी भुगतान नहीं हुआ और कम्पनी को योजना को बंद करने को कहा गया।

इसके चलते कम्पनी की ओर से राज्य स्थापना दिवस नौ नवम्बर को योजना को बंद कर दिया। इससे प्रदेशभर में योजना के तहत आने वाले करीब 13 लाख लाभार्थियों को सरकारी व निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज बंद हो गया। योजना के तहत लाभार्थियों को जारी स्मार्ट कार्ड के आधार पर प्रत्येक परिवार को 50 हजार रपए का हेल्थ कवर मिलता है। गंभीर बीमारी के इलाज के लिए करीब सवा लाख रपए का बीमा कवर दिया जाता है।

योजना की गंभीरता व शासन की कार्यप्रणाली से नाराज मुख्यमंत्री ने रविवार को ऐलान किया कि राज्य सरकार द्वारा योजना को बन्द नहीं किया गया है। योजना के अंतर्गत जिस कम्पनी के साथ अनुबंध किया गया था, निश्चित रूप से उस पर कार्यवाही की जाएगी। इसमें कोई अधिकारी संलिप्त होगा तो उस पर भी कार्यवाही होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना से आच्छादित मरीजों पर होने वाले चिकित्सकीय व्यय का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि इस योजना से जुड़े मरीजों का उपचार किया जाए।

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