देहरादून (संवाददाता) : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सोमवार को हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक डॉ.स्वामी राम की 22वीं पुण्यतिथी के अवसर पर आयोजित आराधना एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने डॉ.स्वामी राम जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद श्री रमेश पोखरियाल निशंक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत द्वारा हिमालयन इंस्टीट्यूट की लैब व रिसर्च बिल्डिंग एवं शौर्य दीवार का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कार्यक्रम में सम्मिलित होकर और यहां के आध्यात्मिक वातावरण को देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। संस्थान द्वारा सेवा करने वालों एवं अपने उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना प्रशंसनीय कार्य है।
उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा ‘सेवा रूरल‘ संस्था को सम्मानित किया जाना, एक अच्छा उदाहरण है। सेवा रूरल संस्थान द्वारा आदिवासियों के लिए किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आदिवासी ज्यादा एडवाँस हैं, लेकिन अन्य राज्यों में आदिवासी आज भी जंगलों में कन्दमूल खाकर जीवनयापन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करा रही हैं। इसके लिए राज्य में टेली रेडियोलाॅजी की शुरूवात कर दी गयी है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी डाॅक्टर्स भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी स्वास्थ्य सुविधाएँ दुरूस्त करने को प्रतिबद्ध है।
सांसद श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिमालय पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। राज्य में हिमालयन इंस्टीट्यूट स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं के समग्र व्यक्तित्व का विकास करना है। इस अवसर पर कुलपति, हिमालयन इंस्टिट्यूट श्री विजय धस्माना एवं मैनेजिंग ट्रस्टी, सेवा रूरल संस्था, डॉ पंकज शाह उपस्थित थे।