20 और 21 नवंबर को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार को दून विवि में सेमिनार, 129 प्राचार्य, 31 विविद्यालयों के कुलपति और रजिस्ट्रार भी होंगे शामिल. प्रदेश में जनवरी से मॉडल पेपर पर लगेगी पाबंदी. 13 कॉलेजों में सभी के लिए आईएएस व पीसीएस की मुफ्त कोचिंग. एनएसएस व एनसीसी अनिवार्य होगा, बढ़ेगी स्ववित्त पोषित कोर्स की फीस।
देहरादून (संवाददाता) : उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कई ऐलान किये तथा बताया कि जल्द ही प्रदेश में सुपर-30 की तर्ज पर सुपर-100 योजना लागू की जाएगी। कहा इसके तहत राज्य के 13 कॉलेजों में अखिल भारतीय व राज्य सिविल सेवाओं के लिए मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। कोचिंग के लिए छात्रों के चयन के लिए उनकी स्क्रीनिंग के लिए टेलेंट सर्च परीक्षा आयोजित की जाएगी।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार महाविद्यालयों में एनएसएस, एनसीसी और अन्य गतिविधियों को अनिवार्य करने पर भी विचार हो रहा है ताकि विद्यार्थियों का समग्र व्यक्तित्व विकास हो सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 22 राजकीय कॉलेज किराये की इमारतों में चल रहे हैं, उनके लिए इमारत व जमीन का प्रबंध सरकार की प्राथमिकता में है। राज्य के एससी-एसटी छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए सभी जिला मुख्यालयों में मुफ्त कोचिंग क्लासेज चलाने के लिए 80 लाख की धनराशि मंजूर की गई है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य के कॉलेजों में चल रहे स्ववित्त पोषित कोर्स की फीस संशोधन पर भी सेमिनार में विचार होगा। हालांकि उन्होंने फीस बढ़ाने की बात नहीं की लेकिन माना जा रहा है कि सेमिनार के बाद सरकार इन पाठय़क्रमों की फीस बढ़ा सकती है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अगले साल जनवरी से मॉडल पेपरों और गेस पेपरों पर पाबंदी लगाई जाएगी। सोमवार को विधानसभा में अपने कक्ष में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर 20 नवंबर से होने वाली दो दिवसीय सेमिनार का विस्तृत ब्योरा देते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। यह कैसे होगा और किस तरह होगा इस पर सेमिनार में विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में मॉडल पेपर व गैस पेपर के जरिए परीक्षा देने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया जाएगा लेकिन इससे पहले विद्यार्थियों को पाठय़ पुस्तकें मुहैया कराने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाएगा। डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि 20 और 21 नवंबर को यह सेमिनार दून विविद्यालय में होगा और इसमें उच्च शिक्षा से जुड़े 10 मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए 10 सत्र होंगे। सेमिनार के पहले दिन का उद्घाटन राज्यपाल डॉ. केके पॉल करेंगे, जबकि दूसरे दिन का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत।
उन्होंने बताया कि सेमिनार में राजकीय व सहायतित महाविद्यालयों के 129 प्राचार्य, गढ़वाल, कुमाऊं, श्रीदेव सुमन, उत्तराखंड मुक्त विवि, अल्मोड़ा आवासीय विवि समेत 31 विविद्यालयों के कुलपति व रजिस्ट्रार शामिल होंगे। इसी के साथ विविद्यालयों के तीन-तीन पूर्व कुलपतियों को भी विचार विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि सेमिनार में रूसा, नैक, वित्तीय प्रबंधन, लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों में संशोधन, कौशल विकास व उद्योगों के उच्च शिक्षण संस्थानों को जोड़ने , स्व वित्त पोषित पाठय़क्रमों की फीस में संशोधन, कॉलेजों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, फर्नीचर आदि ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही पिछले सात महीने में राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों मसलन राष्ट्रीय ध्वज फहराने, वंदेमातरम अनिवार्य करने, शौर्य की दीवारें स्थापित करने आदि की समीक्षा भी की जाएगी। सभी विशेषज्ञों से विचार लेकर उन्हें क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी तरह की 13 सेमिनार प्रदेश के हर जिले में भी आयोजित किये जाएंगे।